Jharkhand Foundation Day:भगवान बिरसा मुंडा व उनके अनुयायियों पर अंग्रेजों ने क्यों की थी अंधाधुंध फायरिंग

झारखंड के खूंटी जिले में जिस स्थान पर गोलीकांड हुआ था, उस स्थान पर शहीदों की याद में 110 फीट ऊंचा एक विशाल स्तंभ का निर्माण किया गया है. वहीं नीचे मैदान में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की गयी है, जहां हर वर्ष नौ जनवरी को शहीदों की याद में मेला लगाया जाता है.

By Guru Swarup Mishra | November 13, 2022 3:58 PM

Jharkhand Foundation Day: झारखंड के खूंटी जिले का डोंबारी बुरू अंग्रेजों के जुल्मों की याद दिलाता है. अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की रणनीति बना रहे धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा और उनके अनुयायियों की सभा पर अंग्रेजों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी. इसमें सैकड़ों आदिवासी महिला, पुरुष और बच्चों ने अपनी जान गंवा दी थी. इस घटना में भगवान बिरसा मुंडा बच निकले थे, लेकिन बड़ी संख्या में लोग मारे गये थे. 9 जनवरी को ये नृशंस हत्याकांड हुआ था. वीर शहीदों की याद में यहां हर वर्ष 9 जनवरी को मेला लगता है.

शहीदों की याद में बनाया गया है 110 फीट ऊंचा विशाल स्तंभ

झारखंड के खूंटी जिले में जिस स्थान पर गोलीकांड हुआ था, उस स्थान पर शहीदों की याद में 110 फीट ऊंचा एक विशाल स्तंभ का निर्माण किया गया है. वहीं नीचे मैदान में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की गयी है, जहां हर वर्ष नौ जनवरी को शहीदों की याद में मेला लगाया जाता है.

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पत्थर पर उकेरे गये हैं वीर शहीदों के नाम

खूंटी के डोंबारी बुरू में सैकड़ों लोगों ने अपनी शहादत दी थी. इनमें से सिर्फ छह लोगों की ही अब तक पहचान हो सकी है. डोंबारी बुरू स्थित मैदान में पत्थर पर इनके नाम उकेरे गये हैं. इनमें हाथीराम मुंडा, हाड़ी मुंडा, सिंगराय मुंडा, बंकन मुंडा की पत्नी, मझिया मुंडा की पत्नी और डुंगडुंग मुंडा की पत्नी के नाम शामिल हैं.

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हर साल 9 जनवरी को लगता है मेला

अंग्रेजों के जुल्म की याद दिलाता डोंबारी बुरू में जब धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा अपने अनुयायियों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की रणनीति बना रहे थे, तभी अंग्रेज सभास्थल पर आ धमके और अंग्रेजों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. इसमें सैकड़ों आदिवासी महिला, पुरुष और बच्चों ने अपनी जान गंवा दी थी. हालांकि इस घटना में भगवान बिरसा मुंडा बच निकले थे, लेकिन बड़ी संख्या में लोग मारे गये थे. वीर शहीदों की याद में 9 जनवरी को यहां हर साल मेला लगता है.

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