Jharkhand Foundation Day: 22 साल में राज्य को मिले 6 CM, 3 बार लगा राष्ट्रपति शासन, पढ़ें यह रोचक रिपोर्ट
15 नवंबर, 2022 को झारखंड 22 साल का हो रहा है. इस 22 साल में राज्य ने कई विकास के आयाम को छुआ. इस 22 साल में राज्य को छह मुख्यमंत्री मिले. इस दौरान तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लगा.
Jharkhand Foundation Day: मैं झारखंड हूं. 15 नवंबर, 2022 को यह 22 साल का हो जाएगा. इसी दिन देश के 28वां राज्य के रूप में उदय हुआ. इस राज्य के जन्मदाता तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी हैं. इस राज्य की कोख में अकूत वन तथा खनिज संपदाओं का भंडारण है. विधाता ने जनजातीय क्षेत्र के सवा तीन करोड़ झारखंड वासियों के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के लिए जमीन के अंदर बॉक्साइट, अभ्रक, लोहा और कोयला जैसे प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा दिया है. दूसरी ओर, जमीन के ऊपरी सतह पर मेहनतकश मजदूर अपने खेतों में पसीना बहाकर सोना निकालने का कार्य कर रहे हैं.
अब तक छह राजनेता राज्य के मुख्यमंत्री बने
एकीकृत बिहार से अलग होने के बाद यहां बाबूलाल मरांडी को झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.15 नवंबर, 2000 को झारखंड के गठन के बाद से छह राजनेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है. बाबूलाल मरांडी भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व 28 माह तक किए. बाबूलाल मरांडी का कार्यकाल 15 नवंबर, 2000 से 17 मार्च, 2003 तक रहे. इसके बाद भाजपा के ही अर्जुन मुंडा सबसे लंबे समय तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्होंने तीन कार्यकालों में पांच साल से अधिक समय तक सेवा की, लेकिन कभी भी कार्यकाल पूरा नहीं किया. अर्जुन मुंडा का पहला कार्यकाल 18 मार्च, 2003 से एक मार्च, 2005 तक रहा. इसके बाद 12 मार्च, 2005 से 17 सितंबर, 2006 और फिर 11 सितंबर, 2010 से 17 जनवरी, 2013 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
सबसे कम नौ दिनों का कार्यकाल रहा शिबू सोरेन का
राज्य दो मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रतिनिधित्व किया. झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन का पहला कार्यकाल केवल नौ दिनों में खत्म हो गया, क्योंकि वह यह साबित नहीं कर सके कि उन्हें सदन के बहुमत का समर्थन प्राप्त है और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. इनका कार्यकाल दो मार्च, 2005 से 11 मार्च, 2005 तक रहा. इसके बाद 28 अगस्त, 2008 से 18 जनवरी, 2009 तक रहा. फिर इसके बाद 30 दिसंबर, 2009 से 31 मई, 2010 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे.
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राज्य के निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा भी बने राज्य के मुख्यमंत्री
राज्य के निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा को भी मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मधु कोड़ा का कार्यकाल 18 सितंबर, 2006 से 27 अगस्त, 2006 तक 709 दिन राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
राज्य में अब तक तीन बार लगा राष्ट्रपति शासन
राज्य में पहला राष्ट्रपति शासन 19 जनवरी, 2009 से 29 दिसंबर, 2009 तक रहा. इसके बाद दूसरी बार राष्ट्रपति शासन एक जून, 2010 से 10 सितंबर, 2010 तक रहा और तीसरी बार 19 जनवरी, 2013 से 12 जुलाई, 2013 तक राष्ट्रपति शासन रहा.
रघुवर दास ने अब तक पूरा किया कार्यकाल
भाजपा के रघुवर दास ने राज्य में पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने. इनका कार्यकाल 28 दिसंबर, 2014 से 28 दिसंबर, 2019 तक सबसे अधिक 1825 दिन राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
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दूसरी बार बागडोर संभाले हैं हेमंत सोरेन
वर्तमान में हेमंत सोरेन राज्य की दूसरी बार बागडोर संभाले हैं. पहली बार 13 जुलाई, 2013 से 27 दिसंबर, 2014 को 532 दिन राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद 29 दिसंबर, 2019 से अब तक राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
आधारभूत संरचनाओं का हुआ विकास
अलग झारखंड राज्य गठन के बाद सूबे में बुनियादी सुविधा जैसी आधारभूत संरचनाओं का विकास निश्चित तौर पर हुआ है. लोहरदगा जिले के पेशरार जैसे दुरुह नक्सल प्रभावित जंगली एवं पहाड़ी इलाकों में भी बदलाव दिखा. कभी आवागमन की सुगम व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग पेशरार जैसे इलाकों में जाने से कतराते थे, वहीं आज लंबी-चौड़ी कालीकरण सड़कों पर छोटी-बड़ी वाहन दौड़ लगा रही है. अतिनक्सल प्रभावित प्रभावित पेशरार जैसे कई अन्य ग्रामीण सड़कों का न सिर्फ निर्माण कराया गया है, बल्कि वहां बिजली-पानी के साथ-साथ मुकम्मल नेटवर्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है. जिसका लाभ ग्रामीणों को भरपूर मिल रहा है. अब किसान अपने उत्पादित फसलों तथा हरी सब्जियों को बड़ी आसानी के साथ शहर के हाट बाजारों तक चंद घंटों में ही पहुंचा पा रहे हैं.
रिपोर्ट : संजय कुमार, लोहरदगा.