झारखंड बजट : बजट से कहीं आशा, तो कहीं निराशा पक्ष ने सराहा, विपक्ष ने कोसा
झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 पेश कर दिया है़ बजट पेश होने के बाद सत्ता पक्ष ने इसे सराहा, जबकि विपक्ष ने बजट को कोसा है़ बजट पेश होने के बाद विधानसभा में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिलीं. प्रस्तुत है पक्ष-विपक्ष की नजर से बजट का हाल़
जनता को मिलना चाहिए सीधा लाभ : सरयू राय
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा कि यह कई मायने में सांकेतिक बजट है. इसमें व्यापकता का अभाव है. कई पक्षों को छूने का प्रयास किया गया है. सरकार को सीधी पहुंच के जरिए योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना चाहिए. पूर्व में पैसा सही तरीके से खर्च नहीं हो पाता था. इस सरकार को इस बार ध्यान देना चाहिए. अगर यह सही तरीके से होगा तो यह बजट अपनी सार्थकता को साबित करने में पूरी तरह से सफल हो सकेगा. सरकार ने बढ़ रही खपत के पक्षों को पूरी तरह अनदेखा किया है.
आय के नए श्रोत तलाशना और घाटा कम करना भी सरकार की बड़ी चैनौती है. सरकार ने बजट में कुछ अच्छी सोच को दर्शाया है, जिसका कुछ महीने के भीतर असर दिखायी देगा. रिसोर्स के आधार पर योजनाओं को तय किया जाना चाहिए, वित्तीय हाल बताया, पर इसमें जिम्मेदार कौन है, राजस्व वसूली कम क्यों हुआ, रिसोर्ट गैप क्यों बढ़ा, इसके बारे में कोई मूल्यांकन नहीं है.
जनता को मिलना चाहिए सीधा लाभ : सरयू राय
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा कि यह कई मायने में सांकेतिक बजट है. इसमें व्यापकता का अभाव है. कई पक्षों को छूने का प्रयास किया गया है. सरकार को सीधी पहुंच के जरिए योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना चाहिए. पूर्व में पैसा सही तरीके से खर्च नहीं हो पाता था. इस सरकार को इस बार ध्यान देना चाहिए. अगर यह सही तरीके से होगा तो यह बजट अपनी सार्थकता को साबित करने में पूरी तरह से सफल हो सकेगा. सरकार ने बढ़ रही खपत के पक्षों को पूरी तरह अनदेखा किया है.
आय के नए श्रोत तलाशना और घाटा कम करना भी सरकार की बड़ी चैनौती है. सरकार ने बजट में कुछ अच्छी सोच को दर्शाया है, जिसका कुछ महीने के भीतर असर दिखायी देगा. रिसोर्स के आधार पर योजनाओं को तय किया जाना चाहिए, वित्तीय हाल बताया, पर इसमें जिम्मेदार कौन है, राजस्व वसूली कम क्यों हुआ, रिसोर्ट गैप क्यों बढ़ा, इसके बारे में कोई मूल्यांकन नहीं है.
नयी सरकार विफल : सुदेश
बजट के ड्राफ्ट को देखने के बाद कहीं से भी इसमें तालमेल दिखाई नहीं देता. पार्टी घोषणाओं से बजट का ड्राफ्ट काफी दूर है. सरकार ने किसानों के लिए 2000 करोड़ ऋण उपलब्ध कराया है, लेकिन उसे जमीनी हकीकत का पता होना चाहिए कि पहले इस क्षेत्र में कितनी राशि का कर्ज है.
बजट के ड्राफ्ट को देखने के बाद कहीं से भी इसमें तालमेल दिखाई नहीं देता. पार्टी घोषणाओं से बजट का ड्राफ्ट काफी दूर है. सरकार ने किसानों के लिए 2000 करोड़ ऋण उपलब्ध कराया है, लेकिन उसे जमीनी हकीकत का पता होना चाहिए कि पहले इस क्षेत्र में कितनी राशि का कर्ज है.
झूठ पर आधािरत है : नवीन
सरकार महज राजनीति कर रही है, काम नहीं. यह झूठ पर आधारित बजट है. मजदूरों का कल्याण वाली अवधारणा का अता-पता नहीं है. बेरोजगारी को दूर करने के लिए प्रोत्साहन का जिक्रनहीं किया गया है. पैसों का उपयोग राज्य के अंदर संकटकाल में हो सकता है, पर इस बारे में आय के साधनों का न बताया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.
बजट में कुछ खास नहीं : विरंची
संतुलित नहीं, पूरी तरह से असंतुलित बजट है. पूर्ववर्ती सरकार की जनलोकप्रिय योजनाओं का जिक्र नहीं है. सड़क निर्माण के 1500 करोड़ के बदले 500 करोड़ हर साल रखा गया है. इसका मतलब है कि सरकार यह मान कर चल रही है कि राज्य के अंदर सड़कें अच्छी हालात में हैं. मध्यम वर्ग व गरीब लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है.
सभी क्लास को ठगा गया : समरी
बजट भाषण में सरकार ने कहा कि सरकार का फोकस गांव, गरीब और किसान हैं. जबकि इस बजट में मिडिल क्लास को नजर अंदाज किया गया. हेमंत सरकार का बजट सभी वर्गों के लिए धोखाधड़ी है. पिछली सरकार की कई योजनाओं को काट दिया गया है, जो गलत है. इसे देखकर यह लगता है कि यह बजट नहीं तुंबाफेरी है.
सूझ-बूझ का बजट, ग्रामीणों का रखा ख्याल : बंधु
विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि एक रणनीति के तहत बजट का आकार कम रखा गया है़ यह आकार धीरे-धीरे बड़ा होगा़ पहले ग्रामीण क्षेत्र छूटता था, अब गांव पर फोकस किया गया है़ किसान, गरीब, युवा का विशेष ख्याल रखा गया है़ बजट की जितनी सरहाना की जाये, कम है़ सूझ-बूझ का बजट है़
श्री तिर्की ने कहा कि इसमें कोई लोक-लुभावन बातें नहीं है़ं युवाओं को बेरोजगारी भत्ता प्रोत्साहन के लिए दिया गया है़ इससे वे अपनी पढ़ाई की कठिनाई दूर कर सकते है़ं किसानों का 50 हजार से अधिक का कर्ज माफ किया जा रहा है़ छात्राओं की तरक्की के लिए तकनीकी शिक्षा में बढ़ावा दिया जा रहा है़ मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना चलायी जा रही है़ यह बजट दूरदर्शी है़
हर जरूरत पूरी हाेगी: प्रदीप
सरकार ने बजट के जरिए लोगों के नब्ज को टटोलने का काम किया है, बशर्ते यह अनुमानित बजट वास्तविक बजट में तब्दील हो. सरकार ने पिछली सरकार के मुकाबले विकास दर दो प्रतिशत ज्यादा रखते हुए इसे 7.2 रखा है. गांव के लोगों की अपेक्षाओं को शामिल किया गया है. बजट को सतही तौर पर देखने से कम अंतर मालूम होता है, जबकि अगर आप इस पर व्यापक दृष्टि डालेंगे तो यह बजट झारखंड की हर जरूरतों को पूरा करता हुआ दिखाई देता है.
शिक्षा को बहुत कुछ : बैजनाथ
बजट संतुलित है. युवतियों के तकनीकी शिक्षा पर जोर है. प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक और उच्च विद्यालयी शिक्षा को एक भाग में और दूसरे भाग में उच्च शिक्षा यानी कॉलेज और विश्वविद्यालय को रख कर देखा गया है. शिक्षा को ध्यान में रखकर उसके अनुसार बजट का प्रावधान किया गया है. इस लिहाज से स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक संरक्षण मद में करोड़ों रुपये देने की घोषणा की गयी है.
दूरगामी सोच का बजट: इरफान
बजट आकर्षक है, यह सभी वर्गों का विश्वास को जीतेगी. भाजपा विधायक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे थे. अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अहम बजट को बगैर किसी चर्चा के और उनके हो-हंगामे के बीच पारित करना पड़ रहा है. वह बजट के दूरगामी सोच से हताश है, गिलोटिन प्रावधान का इस्तेमाल कर सदन को स्थगित कर देना चाहिए.
सरकार का संतुलित बजट : चंपई
बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. यह पूरी तरह से संतुलित है. यह पूरी तरह से झारखंड की जनता के हित में है. हमने जनता से किये अपने सभी वादों को पूरा करने की शुरुआत कर दी है. इससे इस वर्ग को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. विपक्ष को सरकार चलाने और अनाप-शनाप खर्च करने के बाद कोई मुद्दा नहीं रह गया है.