झारखंड सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहा प्रशासन, शिक्षकों से करा रहा अवैध बालू लदे वाहनों की जांच
झारखंड सरकार ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाने का आदेश दिया है इसके बावजूद भी गोड्डा में शिक्षकों को अवैध बालू उठाव को रोकने के लिए वाहन चेकिंग में लगाया गया है. ऐसा आदेश एसडीओ ने दिया है.
गोड्डा : झारखंड सरकार की रोक के बाद बाद भी जिला स्तर पर शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए प्रतिनियुक्त किये जा रहे हैं. इससे विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. ताजा मामला गोड्डा जिला का है. अवैध बालू उठाव रोकने को लेकर शिक्षकों को चेक नाका पर गाड़ी संख्या से लेकर ले जा रहे सामान की इंट्री करने के कार्य में लगाया गया है. इस सिलसिले में गोड्डा एसडीओ ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है.
एसडीओ ने जारी निर्देश में कहा है कि अनुमंडल के अंतर्गत बालू घाट का संचालन और भंडारण जगह-जगह करने की सूचना मिली है. ऐसी अवैध गतिविधि पर रोक के लिए गोड्डा अनुमंडल के तहत प्रखंड/अंचल के चेकनाकाओं पर सशस्त्र बल के साथ प्रभारी दंडाधिकारी के रूप में शिक्षक प्रतिनियुक्त किये गये हैं. इनकी प्रतिनियुक्ति तीन शिफ्ट में की गयी है.
प्रथम पाली में सुबह छह से दो बजे तक, द्वितीय पाली में दोपहर दो बजे से रात दस बजे तक व तृतीय पाली में रात दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रतिनियुक्ति की जायेगी. प्राथमिक से लेकर उच्च विद्यालय तक के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी के रूप में की गयी है.
अवैध सामग्री की थाना को देंगे सूचना
एसडीओ ने पत्र में कहा है कि प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी अपनी-अपनी निर्धारित पाली में चेक नाका पर संबंधित पंजी अपडेट करेंगे. पंजी में वाहन संख्या, वाहन का प्रकार, वाहन के आगमन व प्रस्थान का समय और लोड की गयी सामग्री की जानकारी दर्ज करेंगे. वाहन में अवैध सामग्री पाने पर तुरंत अपने संबंधित थाना प्रभारी को इसकी जानकारी देंगे. शिक्षकों को अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करने को कहा गया है.
शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने का दिया है आदेश
वर्ष 2015 में मुख्य सचिव के स्तर से पत्र जारी किया गया था कि शिक्षकों को चुनाव व जनगणना छोड़ कर किसी अन्य कार्य शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जायेगा. इसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से यह पत्र भी जारी किया गया था कि बिना विभाग की जानकारी के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं की जाये. इसके बाद भी शिक्षकों की प्रतिनियुक्त गैर शैक्षणिक कार्यों में की जा रही है. इससे बच्चों का पठन पाठन भी प्रभावित होता है. शिक्षक भी मानसिक दबाव में रहते हैं.
केवल आश्वासन दे रहा विभाग :
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव राममूर्ति ठाकुर व प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि शिक्षक संघों के द्वारा समय -समय पर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने की मांग की जाती रही है. पिछले दिनों शिक्षा मंत्री ने राज्यभर के शिक्षक संगठनों के साथ बैठक की थी. इसमें भी सभी शिक्षक संगठनों ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने की मांग की थी. इस संबंध में अब तक केवल आश्वासन दिया जा रहा है, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है.