चतरा जिले में है ऐसा सरकारी स्कूल, जहां की 200 छात्राएं पढ़ाई छोड़ शौच के लिए जाती हैं घर

चतरा जिले के टंडवा प्रखंड मुख्यायल से 22 किलोमीटर दूर है राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय. यह सरकारी स्कूल है, जो कई समस्याओं से जूझ रहा है. विद्यालय में शौचालय का अभाव है. ऐसे में यहां पढ़ने वाली छात्राओं को शौच के लिए पढ़ाई छोड़ कर घर जाना पड़ता है.

By Rahul Kumar | November 9, 2022 2:11 PM

चतरा जिले के टंडवा प्रखंड मुख्यायल से 22 किलोमीटर दूर है राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय. यह सरकारी स्कूल है, जो कई समस्याओं से जूझ रहा है. विद्यालय में कई समस्याएं हैं जिससे न सिर्फ बच्चे बल्कि शिक्षक भी परेशान हैं. विद्यालय का शौचालय वर्षों पहले जर्जर हो चुका है. यह अब इस्तेमाल के लायक भी नहीं है. ऐसे में यहां पढ़ने वाली छात्राओं को शौच के लिए पढ़ाई छोड़ कर घर जाना पड़ता है.

स्कूल में पढ़ती हैं लगभग 200 छात्राएं

जानकारी के मुताबिक विद्यालय में 326 बच्चे नामांकित हैं. इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है. विद्यालय में लगभग 200 लड़कियां पढ़ाई करती हैं. शौचालय नहीं रहने से खासकर लड़कियों को काफी परेशानी हो रही है. क्लास के दौरान शौचालय के लिए लड़कियां क्लास छोड़कर घर चली जातीं हैं. जिससे उनकी पढ़ाई भी बाधित होती है. सबसे ज्यादा परेशानी उन छात्राओं को होता है जिनका घर करीब नजदीक नहीं हैु वैसी छात्राएं शौच के लिए स्कूल में छुट्टी होने का इंतजार करती हैं.

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एक कमरे में दो क्लास के बच्चे करते हैं पढ़ाई

विद्यालय शिक्षक की कमी से भी जूझ रहा है. विद्यालय में आठवीं तक कि पढ़ाई होती है, पर मात्र चार शिक्षक हैं. ऐसे में एक कमरे में दो क्लास के विद्यार्थियों को बिठाना पड़ता हैं. उप मुखिया कामेश्वर महतो,पूर्व पंसस अर्जुन प्रसाद चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने बताया कि अगर यही स्थिति रही तो बच्चियों को विद्यालय भेजना भी मुश्किल होगा. अभिभावकों की मांग है कि शिक्षा विभाग विद्यालय की समस्याओं का समाधान करे.

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क्या कहते हैं प्राचार्य

स्कूल के प्राचार्य उत्तम महतो ने बताया कि विद्यालय में जमीन की भारी कमी है. जिससे शौचालय या अन्य भवन बनाने में समस्या हो रही है. जर्जर भवन को तोड़ने का आदेश अभी तक नहीं आया है अगर पुराने भवन को तोड़ दिया जाए तो परिसर में भवन या शौचालय निर्माण संभव है. कई शिक्षकों ने कहा कि उन्हें खुद शौचालय के लिए बाहर जाते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की भी भारी कमी है जिससे बच्चों को समस्या होती है.

रिपोर्ट : वरूण सिंह

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