झारखंड : बीआरसी में पड़ी हैं, पर 1.75 लाख स्कूली बच्चों को नहीं मिल रहीं किताबें

संघ के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि किताब वितरण में डीएसइ ने रुचि नहीं लिया है. समय पर विद्यार्थियों को मिलने के बजाय बीआरसी भवन में पडी किताबों पर धूल जम रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2023 9:42 AM
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हजारीबाग, आरिफ : हजारीबाग जिले के लगभग 1500 सरकारी स्कूल (कक्षा एक से आठवीं) में अध्ययनरत 1.75 लाख नौनिहालों को चालू सत्र 2023-24 में किताबें नहीं मिली है. कोरोना के कारण सत्र में बदलाव हुआ है. 2023 में एक जून से सत्र शुरू है. सत्र शुरू के (शुक्रवार, सात जुलाई) तक 37 दिन बीत गये. नौनिहालों को किताबें नहीं मिली है. यह कहना गलत नहीं होगा कि बगैर किताब, या फिर फटी-पुरानी जुगाड़ माध्यम से विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. कहीं-कहीं के स्कूल में यह भी स्थिति नदारद है.

वहीं, दूसरी ओर कक्षा एक, दो, पांच एवं आठवीं की हिंदी व उर्दू किताबें (सेट) प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी भवन में उपलब्ध होने के बावजूद इसका वितरण नहीं हुआ है. इसके लिए कुछ शिक्षक संगठनों ने जिला शिक्षा अधीक्षक को दोषी बताया. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि किताब वितरण में डीएसइ ने रुचि नहीं लिया है. समय पर विद्यार्थियों को मिलने के बजाय बीआरसी भवन में पडी किताबों पर धूल जम रहा है.

विद्यार्थियों को नि:शुल्क किताबें- प्रतिवर्ष सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों को नि:शुल्क किताबें मिलती है. यह किताब बाजार में उपलब्ध नहीं है. कुछ वैसे जागरूक अभिभावक अपने बच्चों के लिए चाह कर भी किताबें नहीं खरीद सकते हैं. झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय से मिली रिपोर्ट के अनुसार कक्षा एक की किताब 22 जून को आया है. इसमें चलकुसा एवं टाटीझरिया प्रखंड को किताबें नहीं मिली है. शेष 14 प्रखंड सदर, दारू, कटकमदाग, कटकमसांडी, बरकट्ठा, चौपारण, बरही, बड़कागांव, दारू, डाडी, पदमा, इचाक, केरेडारी एवं विष्णुगढ़ के सभी बीआरसी भवन में किताब उपलब्ध है. कक्षा दो की किताब 19 जून को आया है. इसमें भी चलकुसा एवं टाटीझरिया को छोड़ सभी 14 प्रखंड के बीआरसी भवन में किताब उपलब्ध है. वहीं, कक्षा पांच की किताब 28 जून एवं कक्षा आठवीं की किताब चार जुलाई को आया है. कक्षा पांच एवं आठवीं कक्षा की किताब कुछ ही प्रखंड को मिल पाया है.

केस स्टडी

शहरी क्षेत्र के दीपूगढा स्थित प्राथमिक विद्यालय के कक्षा तीन में अध्ययनरत छात्रा कंचन कुमारी ने कहा कि अभी तक किताबें नहीं मिली है. बगैर किताब के पढ़ाई नहीं हो रही है. प्रतिदिन स्कूल इस आशा में आते हैं कि किताबें मिलेंगी. किताब नहीं रहने से पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

स्कूल की शिक्षिका ने कहा- शिक्षिका कारोलिना कुजुर ने कहा कि जुगाड़ माध्यम से विद्यार्थियों को किताबें उपलब्ध की गई है. पूर्व के विद्यार्थियों से किताबें वापस ली गई है. इसे वर्तमान के विद्यार्थियों को दिया गया है. इसमें कुछ फटी-पुरानी किताबें शामिल है. खबर आता है कि किताबें आएगी. अभी तक स्कूल को किताब नहीं मिली है.

स्कूल इंस्पेक्टर ने बताया- एक स्कूल इंस्पेक्टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि किताब बीआरसी में उपलब्ध है. इसे अपने-अपने स्कूल में शिक्षकों को ले जाने की जवाबदेही है. ट्रांसपोर्टिंग में लगने वाली पैसे एवं समय को लेकर किताबों का वितरण समय पर नहीं हुआ. समय पर इसकी जानकारी डीएसइ को दी गई. इस पर पहले तो डीएसइ आग बबूला हो गये. फिर डांट फटकार करते हुए कहा कि सभी काम की जिम्मेवारी सिर्फ डीएसइ को नहीं है. शिक्षक किताब नहीं ले जाते हैं तो बीआरसी में रहने दो. शिक्षकों से जवाब पूछा जायेगा.

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डीएसइ संतोष गुप्ता ने कहा है कि किताब वितरण करने की जवाबदेही स्कूल इंस्पेक्टर को है. इसे संज्ञान में लिया गया है. कुछ कक्षा की किताब आया है. शेष कक्षा की किताब आना बाकी है. उपलब्ध किताबों को शीघ्र वितरण किया जायेगा.

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