झारखंड में 500 से ज्यादा फुटबॉल क्लब, लेकिन सिर्फ 1822 खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन
Jharkhand News: झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन (जेएफए) के आंकड़े यहां के फुटबॉल और खिलाड़ियों की कहानी बयां करती हैं. इसके अनुसार झारखंड में कुल 487 क्लब को अप्रूवल मिला है. 206 कोच और 579 रेफरी हैं, लेकिन खिलाड़ियों की संख्या मात्र 1822 ही है.
Jharkhand Sports: झारखंड में फुटबॉल का क्रेज सिर चढ़ कर बोलता है. खास कर बरसात के दिनों में खेले जानेवाले मैचों में भारी मात्रा में भीड़ उमड़ती है. प्रोफेशनल फुटबॉल और खिलाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की बात करें, तो इसमें हमारा राज्य और संघ फेल है. यहां सेंट्रलाइज रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) में मात्र 1822 खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जबकि 500 से अधिक क्लब रजिस्टर्ड हैं.
एआइएफएफ की वेबसाइट पर उपलब्ध है जानकारी
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की वेबसाइट के अनुसार, झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन (जेएफए) के आंकड़े यहां के फुटबॉल और खिलाड़ियों की कहानी बयां करती हैं. इसके अनुसार झारखंड में कुल 487 क्लब को अप्रूवल मिला है. 206 कोच और 579 रेफरी हैं, लेकिन खिलाड़ियों की संख्या मात्र 1822 ही है.
खिलाड़ियों के साथ फेडरेशन को भी हो रहा है नुकसान
सीआरएस नहीं होने का सीधा नुकसान खिलाड़ियों को हो रहा है. क्योंकि बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी खिलाड़ी किसी भी लीग या इससे ऊपर की प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता है. सीआरएस का एक और फायदा ये है कि अगर किसी खिलाड़ी का चयन भारतीय टीम में होता है तो फुटबॉल फेडरेशन उसके अभ्यास का खर्च उठाती है. वहीं खिलाड़ियों के साथ फुटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया को भी इसका आर्थिक नुकसान हो रहा है. सीआरएस के तहत एक खिलाड़ी को रजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपये और 18 प्रतिशत जीएसटी देना होता है.