रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज से कटिहार तक गंगा नदी में मालवाहक जहाज (फेरी) के परिचालन की अनुमति नहीं देने के मामले में दायर अवमानना याचिका को गंभीरता लिया है. कोर्ट ने मंगलवार को साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव और कटिहार के डीएम उदयन मिश्र (अनुपस्थित) को कड़ी फटकार लगायी. खंडपीठ ने साहिबगंज डीसी से पूछा कि अवैध माइनिंग क्यों नहीं रुक रही है? आपके स्तर से क्या कार्रवाई होती है, कोर्ट को सब कुछ पता है. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अधिकारी कोर्ट के आदेश से भी ऊपर हो गये हैं.
कोर्ट ने कहा कि डीसी को शोकॉज नोटिस जारी हुई, लेकिन साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव ने शोकॉज का जवाब दायर नहीं किया है. बीमारी के कारण कटिहार के डीएम उदयन मिश्र उपस्थित नहीं हुए. इस पर नाराज खंडपीठ ने कहा कि यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बीमारी का बहाना नहीं चलेगा. आदेश की अवहेलना करने के खिलाफ सख्त आदेश पारित किया जायेगा.
खंडपीठ ने कटिहार डीएम को अगली सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थित होने तथा शोकॉज का जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने तीन नवंबर की तिथि निर्धारित की. सुनवाई के दौरान साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव सशरीर उपस्थित थे. कटिहार डीएम उदयन मिश्रा की जगह एसडीएम माैजूद थे. प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि हाइकोर्ट के फैसले के बाद भी फेरी (मालवाहक जहाज) के परिचालन की अनुमति नहीं दी जा रही है.
साहिबगंज से फेरी कटिहार के लिए रवाना हुई, लेकिन उसे कटिहार में गंगा नदी के किनारे रुकने की अनुमति नहीं दी गयी. अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने खंडपीठ को बताया कि साहिबगंज डीसी ने फेरी के परिचालन पर कोई रोक नहीं लगायी है. अपर महाधिवक्ता ने मामले में शोकॉज का जवाब देने के लिए खंडपीठ से समय देने का आग्रह किया. प्रार्थी मेसर्स जय बजरंग बली स्टोन वर्क्स की ओर से प्रकाशचंद्र यादव ने अवमानना याचिका दायर की है.
साहिबगंज जिले में संचालित 117 क्रशर प्लांट व 26 खनन पट्टाधारकों को एनजीटी ने नोटिस जारी की है. इसमें क्रशर प्लांट और खनन पट्टा को रद्द करते हुए उपकरणों को हटाने का निर्देश दिया गया है. एनजीटी के निर्देश के बाद डीसी ने सभी को नोटिस भेजते हुए 15 दिन में जवाब मांगा है. सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर ने राजमहल पहाड़ी को बचाने के लिए एनजीटी में याचिका दायर की है. एनजीटी ने इडी के निदेशक को 10 जनवरी के पूर्व प्रगति रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
झारखंड हाइकोर्ट में चल रहे अवमानना के एक मामले में कटिहार डीएम उदयन मिश्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ओर से दायर एसएलपी को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. साथ ही झारखंड हाइकोर्ट के 22 सितंबर 2022 के फैसले को सही ठहराया. हाइकोर्ट ने साहिबगंज से कटिहार तक गंगा में मालवाहक जहाज के परिचालन की अनुमति नहीं देने के मामले में शो कॉज नोटिस जारी किया था. पूछा था कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाये.