झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हूल दिवस के अवसर पर शहीद स्थल, पंचकठिया, बरहेट, साहिबगंज में पारंपरिक विधि- विधान से पूजा की और अमर वीर शहीद सिदो -कान्हू को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की. जिसके बाद मुख्यमंत्री संताल परगना के भोगनाडीह पहुंचे. यहां भव्य कार्यक्रम में शामिल हुए और शहीद सिदो-कान्हू के वंशजों को सम्मानित किया गया. साथ ही 55 योजनाओं का शिलान्यास कियें.
सीएम हेमंत सोरेन सिदो -कान्हू को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किये. जिसके बाद मुख्यमंत्री सिदो-कान्हू के वंशजों से मुलाकात की.
बता दें कि सिदो-कान्हू हूल क्रांति के नायक थे. आदिवासियों को एकजुट कर उन्होंने अंग्रेजों और सामंतों के खिलाफ विद्रोह किया था. इस नायक की याद में हर साल उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर विशेष आयोजन होते हैं. सिदो-कान्हू के वंशजों के लिए अब तक की अलग-अलग सरकारों ने अलग-अलग सुविधाएं दी हैं, लेकिन अभी भी हूल क्रांति के नायक के वंशज डाड़ी यानी झरना का पानी पीते हैं. इस अवसर पर सीएम हेमंत सोरेन ने सिदो कान्हू के परिवार की बहू बीटिया हेंब्रम से मुलाकात की. और एक दूसरे ने जोहार किया.
साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में सीएम हेमंत सोरेन हूल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में परिसंपत्तियों का वितरण कियें. इस दौरान टीबी की मरीजों को दवा प्रदान किया गया. कालाजार से ठीक हुई महिलाओं को प्रोत्साहन राशि दिया गया.
बता दें कि वनांचल ट्रेन के आने से पहले ही झामुमो कार्यकर्ता सीएम के स्वागत के लिए बरहरवा रेलवे स्टेशन पहुंच चुके थे. आज साहिबगंज में अहले सुबह ही तेज बारिश शुरू हो गयी. लेकिन, सीएम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस पदाधिकारी व जवान पूरी तरह से मुस्तैद थे. गार्ड ऑफ ऑनर के लिए पहले एक नंबर प्लेटफॉर्म के लिफ्ट के समीप स्थल का चयन किया गया था, लेकिन बारिश शुरू होने के कारण प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर सीएम को गारद सलामी दी गयी.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. शहीद की प्रतिमा पर हरे रंग का अंग वस्त्र भी पहनाया गया.