धनबाद के हाउसिंग कॉलोनी में शुरू हुआ कोयले का अवैध धंधा, शिकायत करने वालों से होती है मारपीट
हाउसिंग कॉलोनी में घुसने के साथ ही एचआइजी के समीप खाली भू-खंड पर पिछले कुछ माह से कोयले का अवैध डिपो चल रहा है. इसके बगल में एक बड़ा खटाल भी है. जानकारों के अनुसार पूरे दिन यहां कोयला स्टॉक किया जाता है.
धनबाद शहर के प्राइम आवासीय कॉलोनियों में से एक सरदार पटेल नगर उर्फ हाउसिंग कॉलोनी इन दिनों कोयले के अवैध धंधा का अड्डा बन गया है. यहां सरकारी भू-खंड पर नियमों को ताक पर रख कर ना केवल कोयले का स्टॉक किया जा रहा है, बल्कि बिक्री भी हो रही है. वहीं, दूसरी ओर कॉलोनी में नियमों को ताक पर रख कर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण व इस्तेमाल भी धड़ल्ले से चल रहा है. सनद रहे कई बार राज्य हाउसिंग बोर्ड द्वारा हाउसिंग कॉलोनी के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है, पर यहां सब फेल है.
कॉलोनी के प्रवेश द्वार पर चल रहा कोयले का खेल
हाउसिंग कॉलोनी में घुसने के साथ ही एचआइजी के समीप खाली भू-खंड पर पिछले कुछ माह से कोयले का अवैध डिपो चल रहा है. इसके बगल में एक बड़ा खटाल भी है. जानकारों के अनुसार पूरे दिन यहां कोयला स्टॉक किया जाता है. ज्यादा माल ऑटो से मंगाया जाता है. इसके अलावा साइकिल व बाइक से भी अवैध कोयला यहां जमा कराया जाता है. रात में जमा कोयले को ट्रक या हाइवा में कोयला लोड कर बाहर भेजा जाता है. कुछ दिन पहले यहां के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत की थी. इस पर पुलिस ने यहां पर छापामारी भी की. इस दौरान कुछ कोयला जब्त भी हुआ था, लेकिन यह खेल आज भी बदस्तूर जारी है.
नाम की आवासीय कॉलोनी
80 के दशक में धनबाद हाउसिंग बोर्ड ने बरटांड़ में आवासीय कॉलोनी बनाया था. बाद में इसका नाम सरदार पटेल नगर रखा गया. शुरू में यहां निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए एलआइजी व जनता फ्लैट तथा मध्यम आय वर्ग के लिए दो मंजिला एमआइजी बनाया गया था. इसका आवंटन लॉटरी के जरिये होता था. बाद में उच्च आय वर्ग के लोगों के लिए एचआइची के नाम पर भू-खंड आवंटित किये गये. यहां बच्चों के लिए खेल मैदान वगैरह बनाने की भी बात हुई थी. बाद में लोगों ने यहां पर पुराने भवन को तोड़ कर व्यावसायिक भवन बनाना शुरू कर दिया. इसके साथ ही हाउसिंग बोर्ड के नियमों का उल्लंघन शुरू हो गया. अभी हालत यह है कि यहां कई व्यावसायिक संस्थान चल रहे हैं.
लोगों का आरोप : पुलिस मिली हुई है
मुहल्ले के लोगों के अनुसार हालत यह है कि अगर किसी ने कोयले के इस धंधे की शिकायत की तो धंधेबाज उनका नाम पता कर लेते हैं और उनके साथ मारपीट करते हैं. कुछ माह पहले ऐसे ही शिकायतकर्ताओं के साथ मारपीट की गयी थी. लोगों का आरोप है कि पुलिस मिली हुई है, इसलिए शिकायत करने वालों का नाम धंधेबाजों को बता देती है. इस डर से अब लोग शिकायत नहीं करना चाहते.
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नियमों की अनदेखी कर कई भवनों का निर्माण
इतना ही नहीं कॉलोनी में निर्माण कार्य नियमों को ताक पर रख कर किया गया है. बहुमंजिली इमारतें भी बना दी गयीं हैं, जबकि यहां नियमत: दो मंजिला मकान ही बनाना है. दो भवनों के बीच दूरी भी नहीं रखी गयी है. किराये पर भी व्यावसायिक कार्य के लिए मकान दिये गये हैं. विभागीय अधिकारी जांच करने या फिर सूची तैयार कर कार्रवाई करने की बात करते हैं, लेकिन आज तक ऐसा हुआ नहीं.