…जब Jagarnath Mahto ने हॉकरों के समर्थन में ट्रेन में बेची मूंगफली तो कभी खेत जोतते आए नजर
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने गुरुवार को चेन्नई के अस्पताल में आखिरी सांस ली. डुमरी विधनसभा क्षेत्र सहित राज्य के सभी जिलों में इस खबर के बाद शोक की लहर है. बता दें कि साल 2020 में उनका चेन्नई के MJM अस्पताल में उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया था. आइए देखते है उनकी कुछ दिलचस्प तस्वीरें,
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने गुरुवार को चेन्नई के अस्पताल में आखिरी सांस ली. डुमरी विधनसभा क्षेत्र सहित राज्य के सभी जिलों में इस खबर के बाद शोक की लहर है. नेता बनने के बाद भी उन्होंने काभि अपनी जमीन नहीं छोड़ी. इस तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ट्रैक्टर पर सवार होकर वह खुद खेती कर रहे है.
कहते है कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो टाइगर थे. उनकी बेबाकी, दृढ़ता और निडर स्वभाव की वजह से उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग उन्हें टाइगर कहते थे. धीरे धीरे वह झारखंड की राजनीति के टाइगर बन गए.
डुमरी से झामुमो विधायक जगरनाथ महतो को हॉकरों के समर्थन में ट्रेन में मूंगफली बेची थी. जी हां, विधायक जगरनाथ महतो ने साल 2015 में चंद्रपुरा स्टेशन पर गोमो-गढ़वा पैसेंजर में सवार हुए थे. उन्होंने हॉकरों के समर्थन में मूंगफली बेची थी. जानकारी हो कि उस समय रेलवे एक्ट के अनुसार रेलगाड़ी में हॉकरों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया था.
इस तस्वीर में जगरनाथ महतो मांदर बजते नजर आ रहे है. साथ ही आसपास के लोग खुद को जितना सहज महसूस कर रहे है उससे यह साफ तौर पर पता चलता है कि जगरनाथ महतो झारखंड के आम लोगों के बीच से निकले नेता थे और लोगों को बहुत प्रिय थे.
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में आखिरी सांस ली. खबर के बाद से ही राज्य भर से प्रतिक्रिया आ रही है. सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शोक जताया है.
जेएमएम के दिग्गज नेताओं में से एक लोबिन हेंब्रम से भी उनके संबंध हमेशा चर्चा में बने रहे है. प्रभात खबर से खास बातचीत में लोबिन हेंब्रम ने कहा कि जगरनाथ महतो से जाने से उन्हें गहरा सदमा लगा है.
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे. तबीयत ज्यादा बिगड़ने की वजह से उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पारस अस्पताल में शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी.
झारखंड में स्थानीय नीति की मांग को लेकर उन्होंने हमेशा से आवाज बुलंद किया था. स्वास्थ्य से ग्रसित जगरनाथ महतो अपनी बीमारी के बावजूद हमेशा से राज्य के बड़े मुद्दों में अपनी संलिप्तता रखते थे.