Jharkhand: 15 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ काली मुंडा बना नक्सली, मुठभेड़ में मौत के बाद सामने आयी कहानी
सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई में दो सितंबर को पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए थे. इसमें से खूंटी के रहने वाले नक्सली काली मुंडा की कहानी काफी दिलचस्प है. 15 साल की उम्र में पढ़ाई के दौरान संगठन में शामिल हुआ.
Police Naxalite Encounter: सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई में दो सितंबर को पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए थे. इसमें से खूंटी के रहने वाले नक्सली काली मुंडा की कहानी काफी दिलचस्प है. 15 साल की उम्र में पढ़ाई के दौरान संगठन में शामिल हुआ. इस दौरान एक बार भी घर नहीं गया. मुठभेड़ में मारे जाने के बाद परिवार वालों को पता चला कि काली नक्सली बन गया था. पढ़ें पूरी कहानी..
15 साल की उम्र में नक्सली संगठन में हो गया था शामिल
पिता सोनू पाहन ने बताया कि काली मुंडा बीते 15 सालों में कभी घर नहीं आया. लगभग 15 साल की उम्र में ही घर से भाग कर नक्सली संगठन में शामिल हो गया था. उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा उसके मौत की सूचना पर जानकारी मिली की वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ था और उसकी मौत हो गयी है. मौत की सूचना पर सरायकेला पहुंच कर शव की पहचान की गयी. उसके पिता ने बताया कि काली तीन भाई व एक बहन में सबसे बड़ा था. रविवार को उसका शव लेने उसके पिता सोनु पाहन, दो छोटे भाई व दमाद सरायकेला पहुंचे हुए थे.
पढ़ाई के दौरान नक्सली संगठन में हुआ शामिल
काली मुंडा के पिता ने बताया कि वह बचपन में ही पढ़ाई छोड़ चुका था. स्कूल जाने के दौरान ही नक्सलियों के संपर्क में आया और फिर संगठन में शामिल हो गया. काली के दोनों छोटा भाई पांडा पाहन व एक अन्य मजदूरी करके परिवार के जीवन यापन में सहयोग कर रहे हैं.
क्या है मामला ?
जिला मुख्यालय सरायकेला के करीब 50 किमी दूर कुचाई थाना क्षेत्र के सीमावर्ती गांव कोईया जंगल (बारूदा व सारुबेडा गांव के पास) में शुक्रवार के अहले सुबह नक्सली व सुरक्षा बलों के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई. करीब एक घंटे तक चली इस भीषण मुटभेड़ में दो नक्सली ढेर हो गए. मारे गये नक्सलियों में खूंटी थाना क्षेत्र निवासी काली मुंडा एवं बोकारो निवासी महिला नक्सली रीला माला शामिल थी. दोनों अनल दा दस्ते से जुड़े हुए थे. बताते चलें कि पिछले कई दिनों से उस क्षेत्र में पुलिस व सीआरपीएफ की ओर से संयुक्त रुप से सर्च अभियान चलाया जा रहा था.