Jharkhand Kerosene Blast Update : तो इस वजह से हुआ था हजारीबाग में केरोसिन विस्फोट, जांच रिपोर्ट में सच्चाई आयी सामने

इससे पहले जांच रिपोर्ट की जानकारी देने के लिए हजारीबाग के उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने प्रेस वार्ता की. उपायुक्त ने बताया कि सामान्य केरोसिन फ्लैश प्वाइंट 35 डिग्री सेंटीग्रेट होता है. जबकि, पिछले दिनों जिले में हुए हादसों के बाद आइओसीएल ने पीडीएस दुकानों से केरोसिन के जो सैंपल इकट्ठा किये थे, जांच में उनका फ्लैश प्वाइंट 13.5 डिग्री सेंटीग्रेट पाया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 20, 2021 8:28 AM
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jharkhand News, Hazaribagh News, jharkhand kerosene blast update हजारीबाग : आइओसीएल द्वारा की गयी जांच में हजारीबाग में पीडीएस के तहत बांटे गये केरोसिन में मिलावट व परिवहन में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केरोसिन के सैंपल का प्रज्वलन तापांक (फ्लैश/इग्निशन प्वाइंट) कम पाया गया. यही वजह है कि केरोसिन का इस्तेमाल होते ही विस्फोट की घटनाएं हुई हैं. यह तभी हो सकता है जब इसमें किसी तरह की मिलावट हुई हो. इसके आधार पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा एफआइआर के लिए दिये गये आवेदन में बताया गया है कि इस गड़बड़ी के लिए हजारीबाग के थोक केरोसिन विक्रेता आर्मी ट्रेडिंग पहली नजर में जिम्मेवार है, इसलिए उस पर प्राथिमकी दर्ज की जाये.

इससे पहले जांच रिपोर्ट की जानकारी देने के लिए हजारीबाग के उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने प्रेस वार्ता की. उपायुक्त ने बताया कि सामान्य केरोसिन फ्लैश प्वाइंट 35 डिग्री सेंटीग्रेट होता है. जबकि, पिछले दिनों जिले में हुए हादसों के बाद आइओसीएल ने पीडीएस दुकानों से केरोसिन के जो सैंपल इकट्ठा किये थे, जांच में उनका फ्लैश प्वाइंट 13.5 डिग्री सेंटीग्रेट पाया गया है.

विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी पदार्थ का फ्लैश प्वाइंट जितना कम होगा, वह उतनी ही जल्द आग पकड़ेगा. संभव है कि केरोसिन में अधिक ज्वलनशील तरल पदार्थ की मिलावट रही होगी. यह भी हो सकता है कि जिस टैंकर में केरोसिन ढोया गया होगा, उसमें पहले पेट्रोल का परिवहन किया गया हो. उपायुक्त ने बताया कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों से छह और नमूने लिये हैं. तीन दिन में सभी नमूनों की जांच रिपोर्ट आ जायेगी.

परिवहन में अनियमितता :

उपायुक्त ने कहा कि प्रथमदृष्टया केरोसिन के परिवहन में अनियमितता की संभावना है. पेट्रोलियम कंपनी के लिए केरोसिन और पेट्रोल के अलग-अलग परिवहन नियम हैं. पेट्रोल का डिपो से लेकर मार्केटिंग करने तक का परिवहन का जिम्मा संबंधित कंपनी को होता है. जबकि, केरोसिन का परिवहन डिपो से लेकर पीडीएस दुकान तक सुरक्षित पहुंचाने का जिम्मा ट्रेडिंग कंपनी की है.

हजारीबाग सदर प्रखंड में आर्मी ट्रेडिंग कंपनी के जरिये पीडीएस दुकान में केरोसिन पहुंचता है. उपायुक्त ने बताया कि आइओसीएल द्वारा इस केस में मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि, राज्य सरकार के स्तर से प्रयास किया जायेगा कि इस घटना से पीड़ितों को मुआवजा दिलाया जा सके.

  • घटना से पीड़ितों को राज्य सरकार से मुआवजा दिलाने का प्रयास होगा

  • आइओसीएल ने प्रशासन को जांच रिपोर्ट सौंपी

राज्यभर में केरोसिन की जांच का आदेश

जन वितरण प्रणाली में बंटनेवाले केरोसिन की राज्यभर में जांच के आदेश दिये गये हैं. खाद्य आपूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इससे संबंधित निर्देश सभी जिलों को दिये हैं. उन्होंने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को भी जांच में सहयोग करने को कहा है. हजारीबाग में केरोसिन से हुए विस्फोट की घटनाओं के बाद सभी जिलों में वितरित किये गये केरोसिन की रेंडम जांच का निर्णय लिया गया है, ताकि फिर ऐसा कोई हादसा न हो.

Posted By : Sameer Oraon

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