Jharkhand News: अफ्रीकी देश माली में 16 जनवरी से झारखंड के 33 मजदूर फंसे हुए हैं. गिरिडीह जिले के बगोदर के पांच मजदूर समेत झारखंड के 33 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं. इन्होंने एक बार फिर वीडियो के जरिए वतन वापसी की गुहार लगायी है. आपको बता दें कि इन मजदूरों ने घर वापसी की गुहार लगाते हुए पिछले दिनों एक वीडियो वायरल किया था. इसके बाद झारखंड सरकार की पहल पर भारत सरकार ने पहल शुरू की थी. कंपनी, मजदूर और दूतावास के पदाधिकारियों की बैठक भी हुई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि बकाया वेतन भुगतान करने के साथ-साथ पांच दिनों में घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन इन मजदूरों की पीड़ा कम होने का नाम नहीं ले रही है. इससे मजदूरों में आक्रोश है.
मजदूरों ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी व्यथा सुनायी है. मजदूर घर आना चाहते हैं, लेकिन इस पर अभी तक आश्वासन के सिवा कोई पहल नहीं की जा रही है. वीडियो के माध्यम से मजदूरों ने कहा है कि भारतीय दूतावास के समक्ष कंपनी के द्वारा हम मजदूरों को दो माह का वेतन और डेढ़ महीने का पेमेंट के माध्यम से टिकट कराते हुए विमान सेवा से वतन वापसी की प्रक्रिया की जाने की बात कही गई थी, लेकिन पांच दिन बीतने के बावजूद इस पर कंपनी के द्वारा अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है.
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मजदूरों के समक्ष फिर से खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई है. मजदूरों ने वीडियो के माध्यम से भारत सरकार व झारखंड सरकार से अपील की है कि उन्हें वतन वापसी जल्द कराई जाए. साथ ही बकाया वेतन का भुगतान हो. गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व अफ्रीका के माली देश में झारखंड के बगोदर के पांच समेत 33 मजदूर फंसे हुए हैं. ये एक साल पूर्व ट्रांसमिशन लाइन में काम करने वहां गए थे. जहां मजदूरों को कंपनी के द्वारा आठ माह का मजदूरी भुगतान के बाद शेष साढ़े तीन माह की मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है. साथ ही कंपनी के द्वारा मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं होता दिख रहा है.
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पश्चिम अफ्रीका के माली देश में फंसे तिरला के दिलीप महतो ने फोन पर बताया कि कंपनी के द्वारा पांच दिनों का एग्रीमेंट किया गया था. एग्रीमेंट में वेतन भुगतान के साथ ही वतन वापसी की बात कही गई थी, लेकिन इस पर पांच दिन बीत जाने के बावजूद कंपनी के द्वारा कोई पहल नहीं की गयी. ना ही वेतन दिया जा रहा है. ना ही वतन वापसी की पहल की जा रही है. इस हालत में मजदूर ठगे महसूस कर रहे हैं. पीड़ित दिलीप महतो ने बताया कि उनका राशन भी खत्म होने वाला है. हालात ऐसे रहे तो भुखमरी की समस्या हो सकती है. उन्होंने एक बार फिर सरकार से इस पर ठोस निर्णय लेने की मांग की है. मजदूरों में तिरला के शंकर महतो, महोरी गांव के नंदलाल महतो, ढिबरा के टिकेश्वर महतो, श्री रामडीह सरिया के चांदो महतो, संतोष महतो, गोपाल महतो समेत अन्य मजदूर शामिल हैं.
रिपोर्ट: कुमार गौरव