धनबाद में जमींदोज हुई महिलाओं का शव 45 घंटे बाद उठा, छह-छह लाख रुपये का मुआवजा और पुनर्वास का मिला आश्वासन
महिलाओं के आश्रित को छह-छह लाख रुपये मुआवजा देने, परिवार के एक सदस्य को आउटसोर्सिंग में नियोजन देने और एक माह में बस्ती के लोगों को पुनर्वासित करने पर सहमति बनी.
Dhanbad Landslide News: गोंदूडीह खास कुसुंडा कोलियरी के छोटकी बौआ धोबी कुल्ही के समीप ट्रांसपोर्टिंग मार्ग पर तीन महिलाओं के शवों के साथ धरना दे रहे लोग बुधवार को 45 घंटे बाद अपना आंदोलन समाप्त किये. ईस्ट बसुरिया ओपी में संपन्न वार्ता में मृत महिलाओं के आश्रित को छह-छह लाख रुपये मुआवजा देने, परिवार के एक सदस्य को आउटसोर्सिंग में नियोजन देने और एक माह में बस्ती के लोगों को पुनर्वासित करने पर सहमति बनी. मुआवजा राशि में से एक-एक लाख रुपये ओपी परिसर में तत्काल मृतकों के परिजनों को दिये गये. शेष राशि तीन दिनों में देने का आश्वासन दिया गया. उसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ. वार्ता में बाघमारा अंचलाधिकारी रवि भूषण प्रसाद, जेबीकेएसएस नेता जयराम महतो और बीसीसीएल प्रबंधन के प्रतिनिधि मौजूद थे. विधि व्यवस्था के लिए इलाके के सभी थानों के प्रभारी मौजूद थे.
इधर, भू-धंसान कीघ टना में मारी गयी मंदवा देवी के पुत्र आजाद कुमार रजक की शिकायत पर ईस्ट बसुरिया ओपी में कुसुंडा एरिया जीएम वीके गोयल, एजीएम, पीओ विष्णु कांत झा, प्रबंधक दिलीप कुमार, पूर्व पीओ टुनेश्वर पासवान, हिलटाप हाइराइज प्रालि के मालिक व प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. कांड संख्या 326 /23, भादंवि की धारा 304 व 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. शिकायत में कहा गया है कि 17 सितंबर की दोपहर 12 बजे उसकी मां मंदवा देवी, ठंडी देवी, पोरला देवी शौच के लिए जा रही थी. गोंदूडीह के रास्ते में अचानक गोफ बनने से तीनों उसमें समा गयीु. इससे तीनों की मौत हो गयी. इस घटना के लिए उक्त सभी लोग जिम्मेवार है.
तीन महिलाओं की मौत पर प्रतिक्रिया
बीसीसीएल प्रबंधन ने गोंदूडीह कोलियरी में भू-धंसान के कारण तीन महिलाओं की मौत पर प्रतिक्रिया दी है. कहा है कंपनी सुरक्षा चिंताओं को बहुत गंभीरता से लेती है. घटना की सूचना मिलते ही बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम को घटनास्थल के लिए रवाना की गयी. दुर्भाग्य से कुछ स्थानीय गड़बड़ी और समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा कंपनी के अधिकारियों पर हमले के कारण बचाव कार्य शुरू करने में थोड़ी देरी हुई. हालांकि एक घंटे के अंदर ही बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम ने इन चुनौतियों पर काबू पा लिया व रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. झरिया कोयला क्षेत्र, जहां गोंदुडीह कोलियरी स्थित है, वहां कम-कवर भूमिगत खनन का एक लंबा इतिहास है, जो दशकों से जारी है. इन कार्यों के परिणामस्वरूप भू-धंसान हुईं. गड्ढे और अस्थिर क्षेत्र बने. बीसीसीएल भू-धसान क्षेत्रों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को स्वीकार करता है.