एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि अरगोड़ा, बरियातू, धुर्वा, हिंदपीढ़ी और चुटिया थाना में आम लोगों का प्रवेश कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है. इन थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मी के कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने के बाद यह कदम उठाया गया है. दूसरी ओर कोविड-19 के संक्रमण की आशंका को लेकर इस बार सावन में बाबा भोलेनाथ केवल ऑनलाइन दर्शन देंगे. दिन में दो बार (सुबह और शाम) देवघर के बाबा मंदिर से पूजा का लाइव टेलीकास्ट किया जायेगा. इसके अलावा 11वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट शनिवार को जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने जारी किया. परीक्षा में 95.35 फीसदी परीक्षार्थी सफल रहे. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष रिजल्ट बेहतर रहा. वर्ष 2019 में 82.61 फीसदी परीक्षार्थी सफल हुए थे. पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 फीसदी अधिक परीक्षार्थी सफल हुए. झारखंड की टॉप 5 खबरें जानने के लिए जुड़े रहे हमारे साथ . . .
एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि अरगोड़ा, बरियातू, धुर्वा, हिंदपीढ़ी और चुटिया थाना में आम लोगों का प्रवेश कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है. इन थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मी के कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने के बाद यह कदम उठाया गया है.
Also Read: शहर के पांच थाने में लोगों की इंट्री बंद रहेगी, गेट पर ही आवेदन देकर जायें
कोविड-19 के संक्रमण की आशंका को लेकर इस बार सावन में बाबा भोलेनाथ केवल ऑनलाइन दर्शन देंगे. दिन में दो बार (सुबह और शाम) देवघर के बाबा मंदिर से पूजा का लाइव टेलीकास्ट किया जायेगा.
Also Read: सावन में केवल ऑनलाइन दर्शन देंगे भगवान, नहीं मिलेगा प्रसाद
11वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट शनिवार को जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने जारी किया. परीक्षा में 95.35 फीसदी परीक्षार्थी सफल रहे. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष रिजल्ट बेहतर रहा. वर्ष 2019 में 82.61 फीसदी परीक्षार्थी सफल हुए थे. पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 फीसदी अधिक परीक्षार्थी सफल हुए.
Also Read: JAC Result 2020: 11वीं बोर्ड परीक्षा में 95.53 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण
कोल इंडिया के तीन दिनों की हड़ताल में सीसीएल के उत्पादन और डिस्पैच पर व्यापक असर पड़ा है. तीन दिनों में करीब 30 रैक कोयला बाहर नहीं जा सका. हर दिन सीसीएल से करीब 24 रैक कोयला बाहर जाता है.
Also Read: तीन दिनों में सीसीएल का 30 रैक कोयला रुका
कोरोना महामारी की छाया अन्य धार्मिक आयोजनों की तरह इस साल गुरु पूर्णिमा पर भी पड़ रहा है. इस कारण श्रद्धालुओं में काफी उदासी दिख रही है. विदित हो कि सनातन संस्कृति में प्राचीन काल से गुरु-शिष्य परंपरा रही है. इस परंपरा में गुरु पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व है. इसलिए सभी आध्यात्मिक संस्थाओं द्वारा गुरु पूर्णिमा पर्व को काफी धूमधाम से मनाया जाता है.