हजारीबाग सीट पर आजसू की भी नजर, यूपीए में कांग्रेस दावेदार, तैयार हो रहा बड़े उलट-फेर का प्लॉट
भाजपा की तरफ से हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जायसवाल और मांडू के विधायक जेपी पटेल को लेकर चर्चा है. भाजपा के यदुनाथ पांडेय भी ताल ठोंक रहे हैं
लोकसभा चुनाव में इस बार हजारीबाग में बड़े उलट-फेर का प्लॉट तैयार हो रहा है. पिछले दो लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा भाजपा की लहर में सवार होकर बड़े अंतर से चुनाव जीतते रहे हैं. पिछले चुनाव में वह 4.79 लाख के अंतर से चुनाव जीते, वहीं 2014 में करीब दो लाख के अंतर से बाजी मारी थी. वर्तमान में हजारीबाग की चुनावी राजनीति में अलग-अलग गोटियां चली जा रहीं हैं. भाजपा के अंदर भी दावेदार हैं, वहीं गठबंधन में साथी आजसू पार्टी भी माहौल बना रही है.
भाजपा की तरफ से हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जायसवाल और मांडू के विधायक जेपी पटेल को लेकर चर्चा है. भाजपा के यदुनाथ पांडेय भी ताल ठोंक रहे हैं. मनोज यादव चतरा के साथ यहां से भी दावेदारी कर रहे हैं. आइएएस कोचिंग चलानेवाले एके मिश्रा भी भाग्य आजमाना चाहते हैं. चर्चा है कि आनेवाले चुनाव में आजसू पार्टी गिरिडीह छोड़ हजारीबाग शिफ्ट करना चाहती है.
भाजपा ने भी गिरिडीह में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम कर उत्तरी छोटानागपुर की कई सीटों को साधने का प्रयास किया है. राजनीतिक फिजां में हवा ने रुख बदला है, तो ऐसे में जयंत के रास्ते में रोड़े आ सकते हैं. पिछले दिनों आजसू की बैठक में स्थानीय नेताओं ने खुलकर कहा कि हजारीबाग की चारों विधानसभा सीटों बरही, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू और हजारीबाग के ज्यादातर भाग में पार्टी का प्रभाव है. सांसद जयंत सिन्हा ने आजसू कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है. आजसू स्थानीय कार्यकर्ताओं के सहारे अपना पत्ता खोल रही है.
फ्लैश बैक : 2019 लोस चुनाव
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
जयंत सिन्हा भाजपा 7,28,798
गोपाल साहू कांग्रेस 2,49,250
भुवनेश्वर मेहता सीपीआइ 31,109
जयंत का पत्ता काटना आसान नहीं
केंद्रीय नेतृत्व के सामने जयंत सिन्हा का प्रोफाइल बड़ा है. वह केंद्र में वित्तीय मामलों के जानकार नेताओं में शामिल हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने इन्हें वित्तीय मामलों में बड़ी जिम्मेदारी देती रही है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की टास्क टीम का हिस्सा हैं. वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी माने जाते हैं. ऐसे में पार्टी का एक खेमा मानकर चल रहा है कि जयंत सिन्हा का पत्ता काटना आसान नहीं होगा.
बेटी अंबा के लिए लॉबिंग कर रहे योगेंद्र साव
यूपीए में इस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर गोपाल साहू को उम्मीदवार बनाया था, जो जयंत सिन्हा के सामने कहीं टिक नहीं पाये. 2014 में सौरभ नारायण सिंह उम्मीदवार रहे. सौरभ नारायण राजपरिवार से आते हैं और हजारीबाग की राजनीति में उनके परिवार का दखल रहा है. उनके परिवार से राम नारायण सिंह, ललिता राज लक्ष्मी और बसंत नारायण सिंह सांसद बनते रहे हैं. लेकिन, फिलहाल सौरभ कांग्रेस और हजारीबाग दोनों की राजनीति से दूर हैं. इधर, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव यूपीए से हजारीबाग पर दावा कर रहे हैं. चर्चा है कि वह अपनी बेटी व वर्तमान में बड़कागांव से विधायक अंबा प्रसाद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं.