झारखंड के विधायकों की गिरफ्तारी मामले में CID पहुंची दिल्ली तो रोका गया जांच से, घंटों थाने में बैठाया
झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों की गिरफ्तारी के मामले की जांच को लेकर बुधवार को पश्चिम बंगाल सीआइडी की एक टीम दिल्ली और दूसरी टीम गुवाहाटी गयी थी.
रांची : झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों की गिरफ्तारी के मामले में सीआईडी की टीम छानबीन के लिए कल दिल्ली और गुवाहाटी पहुंची तो उन्हें जांच से रोक दिया गया. दिल्ली गयी सीआइडी की टीम में शामिल एक इंस्पेक्टर, दो सब-इंस्पेक्टर व एक एएसआइ को साउथ कैंपस थाने में घंटों रोके रखा गया. सीआईडी की टीम का आरोप है कि दिल्ली पुलिस बेवजह उन्हें थाने में बैठाकर रखी है. यही चीज गुवाहटी में भी देखने को मिली. जहां बंगाल से गुवाहटी गयी सीआइडी के अधिकारियों को असम पुलिस अपने साथ लेते चली गयी. हालांकि मामले सुलझाने के लिए कोलकाता से सीआइडी के दो वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली रवाना किया गया है.
सिद्धार्थ मजूमदार के घर की तलाशी लेनी थी :
सीआइडी का कहना है कि गिरफ्तार विधायकों समेत पांच लोगों से पूछताछ के बाद इस मामले में दिल्ली के सिद्धार्थ मजूमदार नामक व्यक्ति का नाम सामने आया था. इसी व्यक्ति ने विधायकों तक रुपये पहुंचाने में मदद की थी. इस जानकारी के बाद हावड़ा कोर्ट से सर्च वारंट लेकर सीआइडी टीम बुधवार सुबह दिल्ली के साउथ कैंपस इलाके में स्थित सिद्धार्थ के घर की तलाशी लेने पहुंची थी. इससे पहले स्थानीय थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी गयी थी. आरोप है कि इसके बाद भी उन्हें सिद्धार्थ के घर की तलाशी लेने से रोका गया.
गुवाहाटी एयरपोर्ट पर लेना था सीसीटीवी फुटेज :
हावड़ा में झारखंड के जिन तीन कांग्रेसी विधायकों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें से एक विधायक असम भी गये थे. जांच में पता चला कि जब वे असम गये थे, उस समय गुवाहाटी एयरपोर्ट पर उन्हें लेने सरकारी कार आयी थी. सीआइडी सूत्रों का कहना है कि वह गुवाहाटी एयरपोर्ट से उस दिन का सीसीटीवी फुटेज संग्रह करना चाह रहे थे. इस मामले में औपचारिक सूचना देने के लिए जैसे ही सीआइडी अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे, वैसे ही असम पुलिस की टीम भी पहुंच गयी और कोलकाता से गये तीनों अफसरों को अपने साथ लेती गयी.
केंद्रीय गृह विभाग ने कहा, सूचना के अनुसार नहीं पहुंची थी टीम :
दिल्ली में पश्चिम बंगाल सीआइडी टीम के सदस्यों को थाना में बैठाने के संबंध में केंद्रीय गृह विभाग की तरफ से कहा गया कि पश्चिम बंगाल सरकार से तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम तलाशी के लिए दिल्ली भेजने की जानकारी मिली थी. इनमें एक एडीजी और दो आइजी रैंक के अधिकारी के शामिल होने की बात कही गयी थी. लेकिन सीआइडी की जो टीम दिल्ली पहुंची, उसमें बताये गये रैंक के अधिकारी मौजूद नहीं थे. इस कारण दिल्ली पुलिस ने इन्हें तलाशी से रोक दिया.