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धनबाद में डेढ़ हजार से अधिक लाभुकों को मृत या बताये गये पते से अनुपस्थित बता पेंशन पर लगा दी रोक

विभिन्न योजनाओं के तहत सरकारी पेंशन के 1606 लाभुकों का नाम सूची से हटा दिया. उन्हें मृत या बताये गये पते से अनुपस्थित बता कर सभी की पेंशन रोक दी गयी. जब लाभुकों को राशि मिलनी बंद हुई, तो उनलोगों ने जिला प्रशासन से गुहार लगायी.

संजीव झा, धनबाद

Dhanbad News: विभिन्न योजनाओं के तहत सरकारी पेंशन के 1606 लाभुकों का नाम सूची से हटा दिया. उन्हें मृत या बताये गये पते से अनुपस्थित बता कर सभी की पेंशन रोक दी गयी. जब लाभुकों को राशि मिलनी बंद हुई, तो उनलोगों ने जिला प्रशासन से गुहार लगायी : हुजूर हम लोग जिंदा हैं, हमारी पेंशन बंद नहीं कीजिए. जिला स्तर से जांच हुई, तो पता चला कि अधिकतर लोग जीवित हैं. इन 1606 लोगों में से 953 को फिर से पेंशन चालू करने का आदेश दिया गया है.

क्या है पूरा मामला

अधिकृत सूत्रों के अनुसार झरिया अंचल में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 1606 लोगों की सूची जिला मुख्यालय भेज कर पेंशन बंद करने की अनुशंसा की गयी. तत्कालीन सीओ राजेश कुमार की अनुशंसा पर जिला स्तर से सभी की पेंशन बंद कर दी गयी. इन लोगों को सामाजिक सुरक्षा विभाग से इंदिरा गांधी वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, राज्य विधवा पेंशन, स्वामी विवेकानंद नि:शक्त पेंशन योजना के तहत दिव्यांगों की मिलने वाली पेंशन शामिल हैं. जबकि कुछ माह तक इन लोगों को पेंशन नहीं मिली तो सभी परेशान हो गये. उस वक्त कोविड 19 के सक्रिय रहने के कारण लोगों को सही जानकारी भी नहीं मिल पा रही थी. पहले कहा गया कि आवंटन का अभाव है. तो कभी कहा जाता था कि केवाइसी अपडेट नहीं होने के कारण नहीं मिल रहा होगा.

दूसरे अंचलों से भी आ रही शिकायत

पेंशन बंद होने की शिकायत जिले के दूसरे अंचलों से भी आ रही है. सामाजिक सुरक्षा विभाग को जांच कराने को कहा गया है. ऐसे अंचलों से भी ब्योरा तलब किया गया है. झरिया के बाद सबसे ज्यादा शिकायतें गोविंदपुर से आ रही है.

मामला झरिया अंचल का

1606 लाभुकों को मृत, गायब बता बंद की गयी पेंशन

जांच में 953 मिले जिंदा, फिर से मिलेगी पेंशन

गोविंदपुर से भी आ रही शिकायतें

उच्चस्तरीय जांच में हुआ खुलासा

इस मामले की जांच उपायुक्त संदीप सिंह ने जिला स्तर पर एक टीम गठित कर करायी. जांच टीम ने पाया कि झरिया अंचल से गलत तरीके से पेंशन बंद करने की अनुशंसा की गयी थी. 31 अगस्त तक जांच के बाद सौंपी गयी रिपोर्ट में बताया गया : 1606 लोगों में से 953 व्यक्ति जिंदा हैं. झरिया अंचल कार्यालय से भी ऐसे लाभुकों को फिर से पेंशन देने की अनुशंसा की गयी है. इन सभी लाभुकों को एक लंबे समय से पेंशन मिल रही थी. पेंशन के रूप में सभी को एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलता है. गरीबों के लिए यह बड़ी रकम है. अभी भी जांच जारी है.

बिचौलिये खेल रहे खेल

पेंशन बंद करवाने या स्वीकृत करवाने के लिए पूरे जिले में एक गिरोह काम कर रहा है. बिचौलिया लाभुकों से कुछ राशि की मांग करते हैं, जो मांग पूरी नहीं करते उसके बारे में गलत फीडबैक दिलवा कर पेंशन को होल्ड करवा देते हैं. बहुतों का कटवा भी दिया है. ऐसे गैंग की सेटिंग अंचल एवं जिला स्तर पर भी संबंधित कार्यालयों में रहती है. पहले भी ऐसी शिकायतें आयीं हैं.

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