Jharkhand Municipal Election 2022: झारखंड नगर निकाय चुनाव को लेकर रोस्टर जारी हो गया है. रोस्टर जारी होते ही आरक्षित सीटों को लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है. वहीं, सरकार भी इसको लेकर मंथन कर रही है. पिछले दिनों TAC की बैठक में भी चुनाव की तारीख को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हुआ. इससे चुनाव टलने का संशय उत्पन्न हो गया है. अगर नगर निकाय चुनाव टल गया, तो फिर से प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी.
चुनाव टला तो फिर से शुरू होगी प्रक्रिया
सूत्रों के अनुसार, अगर नगर निकाय चुनाव टला, तो यहां पर पूरी प्रशासनिक प्रक्रिया फिर से शुरू करनी होगी. पांच जनवरी, 2023 से नये मतदाता सूची मान्य हो जायेगा. इसके कारण फिर से वार्ड वार मतदाता सूची का विखंडीकरण (Fragmentation) कराना होगा. मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन होगा. आपत्ति लेनी होगी. साथ ही इसका निष्पादन करना होगा. नये सिरे से निर्वाची तथा सहायक निर्वाची पदाधिकारियों की अधिसूचना जारी करानी होगी. अगर आरक्षण का रोस्टर बदलता है तब उसकी भी प्रक्रिया यहां करनी होगी.
ढाई साल में तीन बार हुई चुनावी प्रक्रिया
पिछले ढाई वर्ष में धनबाद में निकाय चुनाव की प्रक्रिया तीन बार हो चुकी है. जिस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है उसको देखते हुए वर्तमान तैयारी के हिसाब से चुनाव नहीं हो पायेगा. हालांकि, सरकारी स्तर पर चुनाव की तैयारी अब भी जारी है.
धनबाद नगर निकाय चुनाव में 3400 सुरक्षा बलों की मांग
धनबाद नगर निगम (Dhanbad Municipal Corporation) और चिरकुंडा नगर परिषद (Chirkunda Municipal Council) चुनाव में 3400 सुरक्षा बलों की मांग की गयी है. इसी आधार पर सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की ड्यूटी लगेगी. अधिकृत सूत्रों के अनुसार, नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections) में सुरक्षा बल को लेकर जिला स्तर से राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) एवं गृह मंत्रालय (Home Ministry) को पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि धनबाद नगर निगम के 923 व चिरकुंडा नगर परिषद के 42 मतदान केंद्रों के लिए 3400 सुरक्षा बल की जरूरत होगी. इसमें जवान व अधिकारी शामिल हैं. अर्ध सैनिक बल की भी मांग की गयी है.
40 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्र संवेदनशील और अति संवेदनशील होंगे घोषित
सूत्रों के अनुसार, निकाय चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बल नहीं मिलेगा. इसलिए निकाय चुनाव में संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या कम होगी. धनबाद जिला में निकाय चुनाव को लेकर 40 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों को संवेदनशील एवं अति संवेदनशील घोषित करने की तैयारी चल रही है. हालांकि, इस सूची में प्रत्याशियों के सामने आने के बाद फेरबदल होने की संभावना है.