झारखंड नगर निकाय चुनाव: OBC आरक्षण का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, चंद्रप्रकाश चौधरी ने दायर की याचिका
झारखंड के गिरिडीह से सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने बगैर ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने के मामले को लेकर फिर से याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायत चुनाव के पहले सर्वोच्च न्यायालय में जो शपथ पत्र दायर किया, उसका अनुपालन नहीं हुआ.
रांची: गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सरकार के खिलाफ अवमाननावाद याचिका दायर की है. उन्होंने झारखंड में बगैर ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने के विरुद्ध याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने मुख्य सचिव को पार्टी बनाया है.
सांसद की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव के पहले सर्वोच्च न्यायालय में जो शपथ पत्र दायर किया था, उसका अनुपालन नहीं हुआ. सरकार ने बगैर ओबीसी के आरक्षण का निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि श्री चौधरी ने चुनाव से पूर्व सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए एक रिट याचिका दायर की थी. तब झारखंड सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया था कि ओबीसी आरक्षण से संबंधित ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया चल रही है. झारखंड सरकार भविष्य में होनेवाले चुनाव में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा करा लेगी. श्री चौधरी ने कहा कि शपथ पत्र देने के बाद भी झारखंड सरकार ने ओबीसी को आरक्षण दिये बगैर नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला लिया है. इस तरह झारखंड सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है.
कहां फंसा है पेच
नगर निकाय और पंचायातों में ओबीसी को आरक्षण देने के मामले में ट्रिपल टेस्ट का प्रावधान है, जिसके तहत ओबीसी का राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण कर डाटा संग्रह करना है. इसके लिए सरकार को एक निर्धारित प्रक्रिया से गुजरना होगा. सांसद सुनील चौधरी पंचायत चुनाव के दौरान ही इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गये थे.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था कि एक आयोग का गठन कर सरकार ट्रिपल टेस्ट कराये. ट्रिपल टेस्ट से पहले बिना आरक्षण के चुनाव कराये जा सकते हैं. इसी आधार पर पंचायत चुनाव कराये गये. लेकिन अब तक सर्वेक्षण के लिए आयोग का भी गठन नहीं हो पाया है. इस वजह से निकाय चुनाव में भी ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा.
पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा ने किया संघर्ष का ऐलान
पिछडों के आरक्षण के बिना निकाय चुनाव कराये जाने का पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा ने विरोध किया है. मोर्चा के अध्यक्ष लालचंद महतो ने आरोप लगाया है कि यह सरकार पिछड़ा विरोधी है. एक ओर बिहार पिछड़ों के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार है, तो दूसरी ओर झारखंड सरकार पिछड़ों का आरक्षण समाप्त कर चुनाव कराने जा रही है. 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा भी पिछड़ों को दिग्भ्रमित करने के लिए है. उन्होंने कहा कि छठ के बाद राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जायेगा.