धनबाद जिले के दोनों नगर निकाय की कमान अब आधी आबादी के हवाले होगी. धनबाद नगर निगम में जहां मेयर पद पर दूसरी बार कोई महिला आसीन होगी, वहीं चिरकुंडा नगर परिषद में पहली बार आधी आबादी का अध्यक्ष पद पर होगा कब्जा. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी आरक्षण रोस्टर के अनुसार धनबाद की अगली महापौर महिला होगी.
सरकार के इन निर्णय से निवर्तमान महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल के दुबारा चुनाव लड़ने की संभावना खत्म हो गयी है. लगभग ढाई वर्ष से भंग नगर निगम बोर्ड के चुनाव की घोषणा उम्मीद है कि इसी माह हो जायेगी. इसके साथ ही यहां के चुनाव के रोचक होने की उम्मीद भी बढ़ गयी है.
इस बीच उम्मीद जगी है कि चिरकुंडा नगर परिषद का चुनाव भी साथ ही होगा. हालांकि, चिरकुंडा नप बोर्ड के कार्यकाल का अभी लगभग छह माह बचा हुआ है. लेकिन चिरकुंडा नप अध्यक्ष का पद भी महिला के लिए आरक्षित हो गया है. इस कारण वर्तमान अध्यक्ष डब्लू बाऊरी खुद चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. यहां भी पहली बार किसी महिला के हाथों में बोर्ड की कमान होगी.
चिरकुंडा नगर परिषद का अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित हो जाने के बाद चिरकुंडा में चुनाव की तैयारी कर रहे कई लोगों के अरमान पर पानी फिर गया है. राजनीतिक स्तर पर क्षेत्र में मजबूत भाजपा, मासस व झामुमो के भी समीकरण के उलट-पुलट की संभावना हो गयी है. वैसे चुनाव की तैयारी कर रहे लोगों ने अपनी पत्नी, पुत्रवधु या बेटी को मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है. वर्तमान अध्यक्ष डब्लू बाउरी ने अपनी पत्नी बरणाली बाऊरी व झामुमो नेता रंजीत बाउरी ने भी अपनी पत्नी सीता देवी को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है.
इधर समाजसेवी कृतिवास झा भी अपनी पुत्रवधू नेहा झा को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में हैं. पूर्व अध्यक्ष मुरली तुरी, पूर्व उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह सहित कुछ लोगों ने अपना पत्ता नहीं खोला है. भाजपा व मासस भी संगठनात्मक स्तर पर इस चुनाव को जीतने की रणनीति बनाने में लगी है.
धनबाद नगर निगम क्षेत्र या चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए.
मेयर के िलए न्यूनतम आयु 30 वर्ष व सदस्य के िलए 21 वर्ष चाहिए
अगर कोई मामला कोर्ट में चल रहा है तो उसका शपथ पत्र देना होगा
नगर निकाय का होल्डिंग, वाटर व अन्य टैक्स का नो ड्यूज देना होगा
चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को नगर निगम या संबंधित निकाय क्षेत्र का मतदाता होना जरूरी है.
वार्ड पार्षद पद के लिए अब संबंधित वार्ड का मतदाता होना जरूर नहीं है. उस निकाय क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए. लेकिन, प्रस्तावक उसी वार्ड का होना चाहिए.
नामांकन पत्र के साथ प्रत्याशी को स्वघोषणा पत्र में संपत्ति के अलावा अन्य जानकारियां देनी भी जरूरी है.
यदि कोई भी प्रत्याशी आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो ऐसे में जाति प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा.
निकाय चुनाव नियमावली के अनुसार दो से अधिक बच्चों की मां मेयर, वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ पायेंगी. हालांकि, यह कट ऑफ डेट फरवरी 2013 है. यानी जनवरी 2013 तक जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे उन पर यह बंदिश लागू नहीं होगी. हालांकि, इसमें वैसी महिलाएं जिनकी दूसरी संतान जुड़वां हैं, उस पर यह नियम लागू नहीं होगा.