Loading election data...

Jharkhand Naxal News : झारखंड में 2 लाख का इनामी JJMP का एरिया कमांडर संजय प्रजापति ने किया सरेंडर

Jharkhand Naxal News: पलामू डीआईजी राजकुमार लकड़ा व एसपी अंजनी अंजन के समक्ष नक्सली संजय प्रजापति ने सरेंडर किया है. झारखंड सरकार की नई दिशा कार्यक्रम से वह प्रभावित हुआ. इसके बाद उसने सरेंडर करने का निर्णय लिया. उपेंद्र खेरवार के कहने पर वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2022 12:19 PM

Jharkhand Naxal News: झारखंड के लातेहार में आज शनिवार को दो लाख का इनामी जेजेएमपी का एरिया कमांडर संजय प्रजापति ने सरेंडर किया. डीआईजी राजकुमार लकड़ा व एसपी अंजनी अंजन के समक्ष नक्सली संजय प्रजापति ने सरेंडर किया है. झारखंड सरकार की नई दिशा कार्यक्रम से वह प्रभावित हुआ. इसके बाद उसने सरेंडर करने का निर्णय लिया. उपेंद्र खेरवार के कहने पर वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

2013 में नक्सली संगठन में हुआ था शामिल

झारखंड की लातेहार पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. इनामी नक्सली ने सरेंडेर किया है. बताया जाता है कि किसी के बहकावे में आकर वह नक्सली संगठन से जुड़ गया था. झारखंड सरकार की नई दिशा से वह काफी प्रभावित हुआ इसके बाद उसने पुलिस अधिकारियों के समक्ष सरेंडर कर दिया. दो लाख का इनामी जेजेएमपी का एरिया कमांडर संजय प्रजापति के खिलाफ लातेहार जिले के छिपादोहर थाना में दो मामले दर्ज हैं. आज इसने नई दिशा कार्यक्रम से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. डीआईजी राजकुमार लकड़ा व एसपी अंजनी अंजन ने जानकारी दी है कि 2013 में संजय प्रजापति नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

Also Read: Jharkhand Breaking News LIVE: लातेहार में इनामी जेजेएमपी के एरिया कमांडर संजय प्रजापति ने किया सरेंडर

उपेंद्र खेरवार के कहने पर नक्सली संगठन में हुआ था शामिल

झारखंड के लातेहार जिले में दो लाख का इनामी नक्सली संगठन जेजेएमपी का एरिया कमांडर संजय प्रजापति ने सरेंडर किया है. इसके बाद उसने जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड सरकार की नई दिशा कार्यक्रम से वह काफी प्रभावित हुआ. इसके बाद उसने पुलिस के समक्ष सरेंडर करने का निर्णय लिया. उसने खुलासा किया कि उपेंद्र खेरवार के कहने पर वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ था.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड में रविवार को खुलते हैं सरकारी स्कूल, शुक्रवार को वीकली ऑफ, पढ़िए पूरी कहानी

रिपोर्ट : चंद्रप्रकाश सिंह, लातेहार

Next Article

Exit mobile version