PLFI के तीन उग्रवादियों पर लगेगा सीसीए, झारखंड हाईकोर्ट से मिली मंजूरी
प्रकाश साहू पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप का मुख्य सहयोगी रहा है. आरोप है कि वह संगठन को सहयोग करने, व्यवसायियों से लेवी वसूलने, संगठन का विस्तार करने, उग्रवादियों को फर्जी नाम से सिम उपलब्ध कराने सहित अन्य मामले में सक्रिय रहा है.
खूंटी समेत आसपास के इलाके में आतंक का पर्याय बन चुके पीएलएफआइ के उग्रवादी प्रकाश साहू, लखन गोप और पौलूस टोपनो पर सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) लगेगा. झारखंड उच्च न्यायालय से इसके लिए मंजूरी मिल गयी है. इन तीनों उग्रवादियों पर सीसीए लगाने का प्रस्ताव जिला पुलिस ने उपायुक्त के समक्ष रखा था, जिसके बाद उपायुक्त ने गृह विभाग से इसके लिए अनुशंसा की थी. उपायुक्त के अनुशंसा पर अनुमोदन करते हुए प्रस्ताव उच्च न्यायालय को भेजा गया था. उच्च न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए सीसीए लगाने की मंजूरी दे दी है.
तीनों उग्रवादियों पर सीसीए लगने के बाद उन्हें अगले एक वर्ष तक जमानत नहीं मिल पायेगी. इसकी पुष्टि एसपी अमन कुमार ने की है. ज्ञात हो कि प्रकाश साहू पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप का मुख्य सहयोगी रहा है. आरोप है कि वह संगठन को सहयोग करने, व्यवसायियों से लेवी वसूलने, संगठन का विस्तार करने, उग्रवादियों को फर्जी नाम से सिम उपलब्ध कराने सहित अन्य मामले में सक्रिय रहा है. उसके खिलाफ विभिन्न थानों में कुल आठ मामले दर्ज हैं. पुलिस ने उसे 22 जनवरी-2023 को गिरफ्तार किया था.
वहीं लखन गोप उर्फ जितेंद्र गोप पर हत्या, आगजनी, आर्म्स एक्ट, पुलिस पर हमला करने, लेवी वसूलने समेत कुल 27 मामले दर्ज हैं. उस पर बरतू प्रधान, अनिल परधिया, राहुल स्वांसी, नंदकिशोर महतो व मुकेश प्रधान की हत्या का आरोप है. पुलिस ने उसे 23 जनवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था. इसी तरह पौलूस तोपनो पर आर्म्स एक्ट और हत्या के पांच मामले दर्ज हैं. उस पर बसंत गुड़िया, गोपाल गुड़िया की हत्या का आरोप है. उसकी गिरफ्तारी चार जनवरी-2022 को हुई थी.
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