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15 लाख का इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी से संगठन को बड़ा झटका, 50 से अधिक मामलों में था वांटेड

Jharkhand naxal news: पुलिस ने कृष्णा की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की, लेकिन हर बार कृष्णा पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था. हालांकि इस बार पुलिस ने एक सटीक योजना बनायी और आखिरकार कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया. 15 लाख का इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी से संगठन को बड़ा झटका लगा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2023 1:53 PM

गिरिडीह, मृणाल कुमार : कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश दा की गिरफ्तारी के बाद संगठन को तगड़ा झटका लगा है. कृष्णा पर 15 लाख का इनाम भी है. वहीं वह भाकपा माओवादी संगठन का रीजनल कमेटी मेंबर भी है. यह नक्सली बीते दो से तीन वर्षों से पारसनाथ के एरिया में आतंक मचा रखा था. कृष्णा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए आसान नहीं थी, क्योंकि इसका नेटवर्क इतना तेज था कि इसके गांव में भी अगर कोई नया व्यक्ति प्रवेश करता था तो इसकी जानकारी कृष्णा को मिल जाती थी. कृष्णा पीरटांड़ थाना इलाके के मंझलाडीह का रहने वाला है. हाल के दिनों में कृष्णा कई बार पारसनाथ के एरिया में आकर संगठन को मजबूत करने पर बल देने के साथ विभिन्न घटनाओं को अंजाम देकर बड़े ही आराम से निकल जाया करता था.

कई बार पुलिस ने कृष्णा की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की, लेकिन हर बार कृष्णा पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था. हालांकि इस बार पुलिस ने एक सटीक योजना बनायी और आखिरकार कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया. कृष्ण हांसदा की गिरफ्तारी गिरिडीह पुलिस के लिये बड़ी कामयाबी है. वहीं, यह भी माना जा रहा है कि कृष्ण की गिरफ्तारी के बाद पारसनाथ से नक्सलियों का एक मजबूत किला ध्वस्त हो गया है. इस इलाके में कृष्णा लगातार संगठन को मजबूत करने पर बल दे रहा था और इस काम में उसका साथ 25 लाख का इनामी नक्सली अजय महतो उर्फ टाइगर और 15 लाख का इनामी नक्सली रामदयाल महतो दे रहा था. इन्हीं दोनों नक्सलियों के इशारे पर कृष्णा काम करते हुए आ रहा था.

प्रशांत बोस का भी करीबी रह चुका है कृष्णा

कृष्णा हांसदा एक ऐसा नक्सली है जो पढ़ाई में भी काफी तेज है, इसने स्नातक तक पढ़ाई की है और वह हिंदी के अलावा अंग्रेजी खोरठा व अन्य कई भाषा को भी जानता है. यही कारण है कि संगठन में इसकी मजबूत पकड़ है. पिछले साल जब नक्सलियों के चिक टैंक माने जाने वाले एक करोड़ का इनामी नक्सली सह पोलित ब्यूरो सदस्य बस पहुंचे थे तब उनकी पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी कृष्णा हांसदा को ही सौंपी गयी थी. इसी के बाद कृष्ण प्रशांत बोस के करीब पहुंच गया. प्रशांत बोस के कहने पर कृष्णा हांसदा के हाथों की कमान सौपी गयी. जिसके बाद लगातार कृष्णा इलाके में काम करने के उद्देश्य से विभिन्न घटनाओं को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुये पुलिस को चुनौती देने का काम किया है.

पुलिस ने एनकाउंटर करने की बनायी थी योजन

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी को लेकर सीआरपीएफ और जिला पुलिस के पदाधिकारियों व जवानों ने पिछले तीन दिनों से योजना बना रखी थी. बीते 10 जनवरी को ही पुलिस को कृष्णा के ठिकाने का पता चल गया था. जिसके बाद एक स्पेशल टीम का गठन किया गया और कृष्णा के एनकाउंटर करने की योजना बनायी गयी. हालांकि पुलिस के जाल में कृष्णा बुरी तरह से फस गया और उसे डुमरी के लुसियो गांव से दबोच लिया गया. हालांकि जैसे ही कृष्णा को गिरफ्तार किया तुरंत पुलिस ने उसे गुप्त ठिकाने पर छिपा दिया ताकि किसी को इसकी भनक तक नहीं लग सके. चूंकि कृष्णा के दस्ते में अन्य सदस्य भी शामिल थे, जो मौके का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गया.

अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों की टीम कर रही पूछताछ

इधर कृष्णा को गिरफ्तार करने के बाद सीआरएपीएफ और जिला पुलिस के जवानों ने कृष्णा को एक गुप्त ठिकाने पर लेकर पहुंच गयी और कृष्णा से संगठन के राज उगलवाने में जुट गयी है. जानकारी के अनुसार कृष्ण से जिला पुलिस, सीआरपीएफ, आइबी के अलावा रांची से भी कई टीम पूछताछ करने के लिए पहुंची है, कृष्ण से पूछताछ के लिए एनआइए की टीम भी गिरिडीह पहुंच सकती है, क्योंकि एनआइए को भी कृष्णा हांसदा की तलाश थी. कृष्णा लेवी) परमेमारी अभियान के लिए भी निकलने की तैयारी कर रही है. वसूली करने में सबसे माहिर था.

पूछताछ में मिल सकती है बड़ी जानकारी

इधर, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कृष्णा हांसदा से पूछताछ के बाद पुलिस को भाकपा माओवादी संगठन से बड़ी जानकारी मिल सकती है. कृष्णा संगठन के कई बड़े नक्सलियों से लगातार संपर्क में रहता था. इधर, कृष्णा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसके साथ तराई वाले इलाके में छापेमारी अभियान के लिये भी निकलने की तैयारी कर रही है.

50 से अधिक मामले दर्ज हैं कृष्णा हांसदा पर

15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा के ऊपर न सिर्फ पीरटांड बल्कि डुमरी, मधुबन, नियमाघाट, तोपचांची, बगोदर समेत विभिन्न थानों में 50 से अधिक मामले दर्ज है. सिर्फ डुमरी थाना में ही कृष्णा के खिलाफ दर्जन से अधिक मामले दर्ज है. जानकारी के अनुसार नियमाघाट थाना में कृष्णा हांसदा के खिलाफ 10 जून 2015 को अंग परियोजना केंद्र के दो भवनों को लेवी नहीं देने के कारण आइडी विस्फोट कर क्षतिग्रस्त करने पारगो तिलैया पथ पर पुलिस बल को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से आइडी लगाने, 2019 के लोकसभा चुनाव को बाधित करने और पुलिस बल को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से मीटिंग करने व छापेमारी में पुलिस द्वारा बंदूक, डेटोनेटर व अन्य सामान बरामद करने सितंबर 2019 में चचरिया जंगल में सरकारी नीतियो का विरोध कर क्षेत्र में पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने और ग्रामीणों से संगठन में मिलने का प्रयास करने का मामला दर्ज है.

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डुमरी थाना में कृष्णा हांदसा के खिलाफ 20 जून 2018 को आतकी पंचायत के डोकवाताड़ गांव के समीप चावाटा फतेहपुर पथ पर मुखबिरी के आरोप में एक दंपति की गला रेतकर हत्या, 15 अप्रैल 2019 को जरीडीह पंचायत के कानाडीह में एक झामूमो कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या, 25 जनवरी 2020 को कल्हाबार गांव के समीप निर्माणाधीन डिग्री कॉलेज के निर्माण में लगी मशीन को जलाने और मजदूरों के साथ मारपीट करने के मामले में मामला दर्ज है. इसके अलावा भी कई मामलों में कृष्णा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. पुलिस [को] कृष्णा की तलाश थी.

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