भाकपा माओवादी का वरीय कमांडर गिरफ्तार, बिहार- झारखंड में 90 मामले दर्ज, दोनों राज्यों की सरकार ने रखा था इनाम
भाकपा माओवादी की स्पेशल कमेटी के वरीय कमांडर प्रद्मुन शर्मा हजारीबाग के चौपारण से गिरफ्तार हो गया है, उस पर बाहर झारखंड में 90 मामले दर्ज है. झारखंड सरकार ने उस पर 25 लाख रूपये और बिहार सरकार ने उस पर 50 लाख रूपये का इनाम रखा था.
jharkhand maoist news, naxal Arrested in jharkhand हजारीबाग : भाकपा माओवादी की स्पेशल कमेटी के वरीय कमांडर प्रद्मुन शर्मा को हजारीबाग पुलिस और आइबी ने संयुक्त कार्रवाई कर चौपारण के कोठो डुमर पहाड़ के पास से गिरफ्तार किया. वह संगठन के स्पेशल एरिया कमेटी का सक्रिय सदस्य और इस्टर्न रीजनल ब्यूरो का शीर्ष नेता है. उस पर झारखंड सरकार ने 25 लाख और बिहार सरकार ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे ने बताया कि वह मगध जोन का सबसे प्रमुख सदस्य है. वह संगठन का आइइडी एक्सपर्ट है.
एसपी ने बताया कि प्रद्मुन पर झारखंड और बिहार में कुल 90 मामले दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि तीन नवंबर 2016 को नवादा (बिहार) के सिरदला थाना क्षेत्र के ठेकाही मोड़ के पास नक्सली प्रद्मुन के नेतृत्व में निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के बेस कैंप पर हमला किया गया था. 10 अगस्त 2019 को चौपारण थाना क्षेत्र के ग्राम भेदल के पास पुलिस मुठभेड़ हुई थी. इसका नेतृत्व प्रद्मुन शर्मा ने किया था. इसमें एक माओवादी मारा गया था.
19 अक्तूबर 2018 को उसने चौपारण थाना क्षेत्र के बक्सा डेमा से चौथी तक नहर निर्माण कार्य कर रही कंपनी लार्ड इंफ्राकॉम प्रा लि के देहर साइड में मिक्सर मशीन, पानी टैंकर समेत कई उपकरण को आग के हवाले कर दिया था. इसके अलावा वर्ष 2016 में चौपारण अंबातरी में घर में विस्फोट कर बाहर खड़े कई वाहनों को जलाया था. प्रद्मुन शर्मा ने कोडरमा और चतरा जिला के थाना क्षेत्रों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है.
संगठन में वह आइइडी एक्सपर्ट है
एसपी ने बताया कि वह संगठन में आइइडी एक्सपर्ट है. आइडी लगाने के क्रम में प्रद्मुन शर्मा का दोनों हाथ उड़ गया था. उसे लुलहा के नाम से भी जाना जाता था. प्रद्मुन (पिता : स्व ठाकुर आनंद शर्मा) बिहार के जहानाबाद जिला स्थित हुलासगंज थाना क्षेत्र के रुस्तमपुर गांव का रहनेवाला है. वह भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में वर्ष 1996 में शामिल हुआ था. संगठन में उसे मारक दस्ता का सदस्य बनाया गया. इसके बाद वह लगातार संगठन के लिए बड़े संवेदकों, व्यापारियों व डॉक्टरों से लेवी वसूलने लगा. उसकी रुचि बम बनाने में थी. इसके बाद संगठन में लगातार उसकी प्रोन्नति होती गयी.
लुलहा होने के बाद उप्र में रह रहा था प्रद्मुन :
आइडी लगाने के क्रम में जब प्रद्मुन का दोनों हाथ बारूद से उड़ गया, तो वह बिहार-झारखंड छोड़ कर उप्र के गाजियाबाद के एक गांव में छिप कर रहने लगा. वहां वह सादा जीवन व्यतीत कर रहा था. वह कुर्ता पायजामा व गमछा पहन कर रहता था. जब उसके गाजियाबाद में रहने की सूचना झारखंड व बिहार पुलिस को मिली, तो वह उत्तर प्रदेश छोड़ कर पुन: मगध जोन के संगठन में शामिल हो गया. एसपी ने बताया कि मगध जोन में संगठन को मजबूत करने के लिए क्षेत्र में लोगों को संगठन में जोड़ने का काम करने लगा. सूचना के आधार पर टीम गठित कर उसे गिरफ्तार किया गया.
Posted by : Sameer Oraon