झारखंड में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर महासम्मेलन में क्या बोले मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव
1931 के जनगणना में देश में ओबीसी की 52 प्रतिशत आबादी थी. एकीकृत बिहार में आबादी के अनुसार 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को दिया गया, लेकिन वर्ष 2000 में जब झारखंड बिहार से अलग हुआ. यहां ओबीसी का आरक्षण 27 से घट कर 14 प्रतिशत कर दिया गया.
Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (अरुण कुमार यादव) : झारखंड अलग होने के बाद से आज तक किसी भी सरकार ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर पहल तक नहीं की. ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जल्द ही झारखंड में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का बिल पारित होगा. झारखंड के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव शनिवार को ओबीसी समुदाय को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को लेकर हजारीबाग के केरेडारी कृषि फॉर्म मैदान में आयोजित महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
झारखंड के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि 1931 के जनगणना में देश में ओबीसी की 52 प्रतिशत आबादी थी. एकीकृत बिहार में आबादी के अनुसार 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को दिया गया, लेकिन वर्ष 2000 में जब झारखंड बिहार से अलग हुआ. यहां ओबीसी का आरक्षण 27 से घट कर 14 प्रतिशत कर दिया गया. आरक्षण से ही राज्य के ओबीसी का विकास संभव है.
झारखंड के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि 1931 के जनगणना में देश में ओबीसी की 52 प्रतिशत आबादी थी. एकीकृत बिहार में आबादी के अनुसार 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को दिया गया, लेकिन वर्ष 2000 में जब झारखंड बिहार से अलग हुआ. यहां ओबीसी का आरक्षण 27 से घट कर 14 प्रतिशत कर दिया गया. आरक्षण से ही राज्य के ओबीसी का विकास संभव है.
Posted By : Guru Swarup Mishra