Jharkhand News : 150 घंटे की रिमांड पर लिए गए थिंक टैंक प्रशांत बोस समेत 6 नक्सली, पूछताछ कर रही पुलिस
12 नवंबर को सुबह लगभग साढ़े नौ बजे कांड्रा चौका मार्ग पर गिद्दीबेड़ा टोल के पास सफेद रंग की स्कॉर्पियो को पुलिस ने संदेह के आधार पर रोक कर जांच की. इसमें नक्सली नेता प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, पत्नी शीला मरांडी सहित कुल छह नक्सली सवार थे.
Jharkhand News, सरायकेला न्यूज : नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के थिंक टैंक प्रशांत बोस, पत्नी शीला मरांडी सहित सभी गिरफ्तार नक्सलियों को पुलिस ने 150 घंटे की रिमांड पर लिया है. इन्हें जेल से गुप्त स्थान पर ले जाकर पूछताछ की जा रही है. कांड्रा थाना की पुलिस ने न्यायालय में रविवार को ही रिमांड के लिए अर्जी दायर किया था, लेकिन रिमांड की स्वीकृति नहीं मिल पायी थी. आज सोमवार को इन्हें 150 घंटे की रिमांड पर लिया गया है.
सरायकेला पुलिस प्रशांत बोस, पत्नी शीला मरांडी, वीरेंद्र हांसदा, राजू टुडू, कृष्णा बाहंदा, गुरुचरण बोदरा को कड़ी सुरक्षा के बीच लगभग ग्यारह बजे सरायकेला जेल से ले गयी और उन्हें गुप्त स्थान पर ले जा कर पूछताछ कर रही है. रिमांड अवधि में पुलिस नक्सलियों की गतिविधियों से लेकर पूरे नेटवर्क की जानकारी हासिल करने का प्रयास करेगी, ताकि नक्सली गतिविधियों के अलावा संगठन के बारे में पूरी जानकारी पुलिस को मिल सके.
जेल से इन्हें निकालने के वक्त सरायकेला पुलिस के वरीय अधिकारीयों के साथ पुलिस के जवान मुस्तैद रहे. वहीं कड़ी सुरक्षा के बीच वाहन में ले जाया गया. आपको बता दें कि 12 नवंबर को सुबह लगभग साढ़े नौ बजे कांड्रा चौका मार्ग पर गिद्दीबेडा टोल के पास सफेद रंग की स्कॉर्पियो को पुलिस ने संदेह के आधार पर रोक कर जांच की. इसमें नक्सली नेता प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, पत्नी शीला मरांडी सहित कुल छह नक्सली सवार थे.
इन सभी को पुलिसिया सुरक्षा में सरायकेला पुलिस रांची मुख्यालय ले गयी थी. रविवार को राज्य के डीजीपी नीरज सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए गिरफ्तारी की पुष्टि की थी. इसके बाद सभी गिरफ्तार नक्सलियों को मेडिकल जांच के लिए सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया था, जहां न्यायालय में पेश करते हुए जेल भेज दिया गया था.
गिरफ्तार नक्सली प्रशांत दा व पत्नी शीला मरांडी को सरायकेला जेल भेज दिया गया था. पहली रात जहां जेल में प्रशांत बोस का बीता, वहां जेल प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गयी थी. अत्यधिक उम्र होने व शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए पति-पत्नी को अलग-अलग वार्ड में रखा गया था. 24 घंटे चिकित्सक की निगरानी में इन्हें रखा गया था.
Posted By : Guru Swarup Mishra