मकर संक्रांति के बाद सरायकेला के मिर्गी चिंगड़ा में महिलाओं के लिए लगता है विशेष मेला

Jharkhand News, Saraikela News : जिला मुख्यालय सरायकेला से 6 किलोमीटर दूर खरकई नदी के तट पर स्थित रमणीक स्थल मिर्गी चिंगड़ा में शनिवार (16 जनवरी, 2021) को विशेष मेला का आयोजन किया गया. यहां मकर संक्रांति के बाद खास कर महिलाओं के लिए विशेष तौर पर मेला का आयोजन होता है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर महिलाओं की भीड़ कम देखी गयी. इस मेला में सरायकेला के अलावा खरसावां, सीनी और उसके आसपास के क्षेत्र की महिलाएं यहां पहुंच कर इस रमणीक स्थल का भरपूर आनंद उठाती हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2021 8:45 PM
an image

Jharkhand News, Saraikela News, सरायकेला (शाचिन्द्र दाश/प्रताप मिश्रा) : जिला मुख्यालय सरायकेला से 6 किलोमीटर दूर खरकई नदी के तट पर स्थित रमणीक स्थल मिर्गी चिंगड़ा में शनिवार (16 जनवरी, 2021) को विशेष मेला का आयोजन किया गया. यहां मकर संक्रांति के बाद खास कर महिलाओं के लिए विशेष तौर पर मेला का आयोजन होता है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर महिलाओं की भीड़ कम देखी गयी. इस मेला में सरायकेला के अलावा खरसावां, सीनी और उसके आसपास के क्षेत्र की महिलाएं यहां पहुंच कर इस रमणीक स्थल का भरपूर आनंद उठाती हैं.

यहां गर्भेश्वर नाथ महादेव की पूजा के बाद लोग पिकनिक का आनंद उठाते हैं. इसके लिए महिलाएं घर से ही भोजन लेकर यहां पहुंची है. हालांकि, यहां कई दुकान भी लगते हैं, लेकिन अधिकांश लोग घर से भोजन बनाकर यहां आते हैं. खरकई नदी के बीचों- बीच स्थित मोती की तरह बिखरे बालू के कण एवं उभरे बड़े- बड़े पत्थर से इस रमणीक स्थल का इतिहास ही अलग है. मिर्गी चिंगड़ा का मेला पूरे राज्य में एकमात्र ऐसा मेला है जिसमें सिर्फ महिलाएं ही होती हैं.

बुजुर्ग ग्रामीणों के मुताबिक, पहले यहां मेला में क्रेता से लेकर विक्रेता एवं सुरक्षा प्रहरी तक सभी महिलाएं ही होती थी, लेकिन धीरे- धीरे इसमें भी बदलाव दिखने लगा है और अब यहां पुरुषों का भी प्रवेश शुरू हो गया है. बताया जाता है कि यह मेला बरसो पुरानी है.

Also Read: Weather Forecast Jharkhand : जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी का झारखंड में असर, जानिए कैसा रहेगा मौसम का मिजाज
बाबा गर्भेश्वर नाथ की होती है आराधना

मिर्गी चिंगड़ा स्थान पर बाबा गर्भेश्वर नाथ विराजमान हैं. महिलाएं यहां पहुंच कर सबसे पहले बाबा गर्भेश्वर नाथ की पूजा- अर्चना करती हैं. इसके बाद ही पिकनिक का आनंद उठाते हैं. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से उसकी पूजा- अर्चना करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. इसके अलावा उक्त स्थल पर कुछ किदवंतियां भी जुड़ी हुई है. माना जाता है कि महाभारत में पांडु पुत्र के अज्ञातवास के समय सभी यहां पर पहुंचे थे और विश्राम किया था. पत्थरों पर उभरे उनके पदचिह्न आज भी है.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version