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झारखंड में गुस्से में है एक गजराज, दो महिलाओं समेत 5 लोगों को मार डाला, दहशत में हैं ग्रामीण

झुंड से बिछड़ने के बाद से अकेला हाथी लोगों पर हमला कर रहा है. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आठ माह से यह हाथी अकेला घूम रहा है. रास्ते में जो मिलता है, उस पर हमला कर दे रहा है. कहा जाता है कि जब तक हाथी अपने झुंड व परिवार से नहीं मिलेगा तब तक वह लोगों पर जानलेवा हमला करता रहेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2021 1:02 PM

Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (शंकर प्रसाद) : झारखंड के हजारीबाग जिले में झुंड से बिछड़े हाथी ने दो दिनों के अंदर अलग-अलग गांवों के तीन पुरुष और दो महिलाओं को कुचल कर मार डाला, जबकि दो लोगों को घायल कर दिया है. इस कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. वहीं वन विभाग के कर्मी जंगल के निकट के गांव-गांव घूमकर लोगों से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें जानकारी दी जा रही है कि वे हाथी को नहीं छेड़ें.

हाथी द्वारा पांच लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया है. वन विभाग के वनरक्षी के अनुसार यह हाथी अपने झुंड से बिछड़ गया है. जिसके कारण वह लोगों पर जानलेवा हमला कर रहा है. यही वजह है कि उसने पांच लोगों को मार डाला है. मृतकों में सदर प्रखंड के डेमोटण्ड बिरहोर टोला के महावीर बिरहोर को 11 अक्टूबर की रात 7.30 बजे हाथी ने सूंड़ से पकड़कर पटक दिया और पैर से कुचल दिया. मृतक की पत्नी सोमरी बिरहोरिन को सूंड़ से उठाकर फेंक दिया. वह जीवन-मौत से जूझ रही है. इसके बाद इसी रात को हाथी तूराओं गांव पहुंचा. रात करीब 9.30 बजे ग्रामीण राम प्रसाद अपने घर के निकट घूम रहा था. हाथी ने उसे भी पटककर पैर से कुचलकर मार डाला.

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इसी तरह कटकमदाग प्रखंड के सिरसी गांव में विशुन रविदास को हाथी ने मार डाला. इसी गांव में टमाटर खेत की देखरेख कर रहे रेशम गांव के ग्रामीण को घायल कर दिया. 10 अक्टूबर की रात अडेरा पंचायत के कूबा गांव की महिला कृति कुजूर को हाथी ने मार डाला. इसी गांव के बगल गांव चीची की महिला सबुतरी देवी को कुचलकर मार दिया. मृतकों के परिवार को वन विभाग ने तत्काल 25 हजार रुपये दिया. हाथी के हमले से मारे गए मृतक के परिजनों को वन विभाग ने दाह संस्कार के लिए तत्काल 25 हजार रुपये मुआवजा दिया है. बाद में मृतक के परिजनों को 3.75 लाख रुपये मुआवजा दिया जायेगा.

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झुंड से बिछड़ने के बाद से अकेला हाथी लोगों पर हमला कर रहा है. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आठ माह से यह हाथी अकेला घूम रहा है. रास्ते में जो मिलता है, उस पर हमला कर दे रहा है. कहा जाता है कि जब तक हाथी अपने झुंड व परिवार से नहीं मिलेगा तब तक वह लोगों पर जानलेवा हमला करता रहेगा. लोगों को सतर्क करने में अधिकारी व कर्मी जुटे हुए हैं. हाथियों के हमले से बचने के लिए वन विभाग कर्मी जुटे हुए हैं. जिनमे रेंजर विजय कुमार सिंह, वनपाल रामनंदन राम, वनरक्षी आशीष प्रसाद, सुदीप गंझू, मुकेश कुमार, पंकज कुमार, आशीष कुमार समेत कई वन पदाधिकारी व कर्मी शामिल हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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