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Jharkhand News : शिक्षा परियोजना हजारीबाग के पास करोड़ों का सालाना बजट, फिर भी सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल

हजारीबाग जिला अंतर्गत कई सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है. हजारीबाग शिक्षा परियोजना के पास करोड़ों का सालाना बजट है. इसके बावजूद शौचालय, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से स्टूडेंट्स तरसते रहते हैं.

Jharkhand News (आरिफ, हजारीबाग) : झारखंड के हजारीबाग में सरकारी 14 बॉयज एवं गर्ल्स स्कूल में शौचालय की व्यवस्था, 5 स्कूलों में पानी एवं 6 स्कूलों में विद्युत व्यवस्था अब-तक नदारद है. स्कूल में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से विद्यार्थी को काफी परेशानी हो रही है. सबसे अधिक लड़कियां परेशान है. इस ओर शिक्षा विभाग का ध्यान नहीं होने से कई अभिभावकों ने सवाल उठाये हैं. सबसे अधिक चौपारण प्रखंड में 3, बड़कागांव, बरकट्ठा एवं इचाक में दो-दो, चलकुसा, सदर, कटकमदाग, कटकमसांडी एवं केरेडारी प्रखंड के एक-एक स्कूल में शौचालय नहीं है.

14 स्कूल में शौचालय नहीं

बड़कागांव प्रखंड के अपग्रेडेड प्राथमिक विद्यालय रूदी एवं अपग्रेडेड प्रावि चौफदार बलिया में शौचालय नहीं है. बरकट्ठा प्रखंड के अपग्रेडेड प्रावि दूधिया एवं अपग्रेडेड प्रावि लालोडीह, चलकुसा प्रखंड के अपग्रेडेड प्रावि, बाराडीह, चौपारण प्रखंड के प्राइमरी स्कूल मलिकाना एवं प्राइमरी स्कूल पपरो, प्राइमरी स्कूल ताजपुर, सदर प्रखंड के अपग्रेडेड मवि रेवार, इचाक प्रखंड के अपग्रेडेड प्रावि लुकैया, कटकमदाग प्रखंड के मवि सुल्ताना, कटकमसांडी प्रखंड के अपग्रेडेड मवि मनार एवं केरेडारी प्रखंड के प्राइमरी स्कूल केमो में शौचालय नहीं है.

5 स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं

चौपारण के गर्ल्स प्राइमरी स्कूल अंबादोहर सेलहारा, इचाक अपग्रेडेड प्रावि गोबरबंदा, कटकमसांडी प्राइमरी स्कूल गोविंदपुर, केरेडारी के अपग्रेडेड प्राथमिक विद्यालय बरवाटांड व अपग्रेडेड प्रावि बेला कराली स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है.

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6 स्कूल में विद्युत व्यवस्था नदारद

बड़कागांव के अपग्रेडेड प्रावि पनदनवाटांड, चौपारण न्यू प्राइमरी स्कूल अंबादोहर सेलहारा, अपग्रेडेड प्रावि जमुनियातरी, चुरचू अपग्रेडेड प्रावि चिरूबेडा, अपग्रेडेड प्रावि लुकईया एवं कटकमसांडी के अपग्रेडेड प्राथमिक विद्यालय पटीयातरी स्कूल में विद्युत व्यवस्था अब-तक नहीं की गयी है.

एक सौ करोड़ का बजट

हजारीबाग झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय को हर साल सरकार एक सौ करोड़ से अधिक राशि मुहैया कराती है. इस पैसे से पारा शिक्षकों के मानदेय, स्कूलों के रख-रखाव, समय-समय पर शिक्षकों के प्रशिक्षण, विद्यार्थियों के पोशाक सहित अन्य शिक्षण गतिविधियों पर खर्च करना है.

कई कंपनी एवं NGO ने की मदद

हजारीबाग झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय को कई कंपनी एवं NGO ने मदद की है. बरकागांव-केरेडारी क्षेत्र में कोयला खनन कार्य के लिए लगी नवरत्न कंपनी NTPC, प्राइवेट कंपनी त्रिवेणी सैनिक, चरही क्षेत्र में CCL एवं अन्य NGO ने अपने अधीन क्षेत्र के स्कूलों में शौचालय निर्माण, पठन-पाठन एवं विद्युत सामग्री देने सहित मेधावी विद्यार्थियों को समय-समय पर पुरस्कृत करने में करोड़ों रुपये खर्च किये हैं. इसके बावजूद झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में इसका लेखा-जोखा नदारद है.

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हजारीबाग जिले में 882 प्राइमरी, 462 अपर प्राइमरी, 81 सेकेंडरी एवं 60 हायर सेकेंडरी मिलाकर कुल 1485 स्कूल हैं. इसके अलावा एक इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, 10 कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय, दो झारखंड आवासीय विद्यालय, सात अल्पसंख्यक उवि सहित स्थापना अनुमति, मदरसा, राजकीय एवं राजकीयकृत दर्जनों स्कूल शामिल हैं.

23 करोड़ की हुई वसूली

झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय हजारीबाग ने 16 बीआरसी, सीआरसी एवं 1485 स्कूलों से लगभग 23 करोड़ की वसूली की है. बीते कई सत्र का विद्यालय विकास फंड लेकर सभी बीआरसी, सीआरसी एवं स्कूल ने पैसा खर्च नहीं किया था. जुलाई-अगस्त 2021 अभियान चलाकर 23 करोड़ की वसूली हुई है. बाकी के लगभग सात करोड़ वसूल करने को लेकर बीआरसी, सीआरसी एवं कुछ स्कूल को अंतिम नोटिस भेजा गया है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय, हजारीबाग के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुनीला लकड़ा ने कहा कि कई स्कूलों में शौचालय का निर्माण कार्य हो रहा हैं. जमीन का लिटिगेशन अन्य दूसरे कारणों से शौचालय नहीं बन पाया. वहीं, झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय, हजारीबाग के जिला कार्यक्रम प्रभारी पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिन्हा ने कहा कि कई स्कूलों में बने शौचालय को फंक्शनल बनाया जा रहा है. जमीन की उपलब्धता, फंडिंग का अभाव, गांव में विद्युत आपूर्ति नहीं होने के कारण कुछ स्कूलों में शौचालय, पानी एवं बिजली की स्थिति गड़बड़ है. इसे शीघ्र ठीक कराने को लेकर सभी BEEO को निर्देश दिया गया है.

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Posted By : Samir Ranjan.

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