Jharkhand News : कमेटी बनते ही धनबाद महानगर भारतीय जनता युवा मोर्चा में हंगामा शुरू, ओबीसी की अनदेखी का आरोप, पढ़िए क्या है पूरा मामला
Jharkhand News, Dhanbad News, धनबाद (संजीव झा) : भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) धनबाद महानगर जिला कमेटी की घोषणा होते ही पार्टी के अंदर हंगामा शुरू हो गया है. संगठन के अंदर इस पर कई सवाल उठने लगे हैं. भाजयुमो महानगर जिलाध्यक्ष अमलेश सिंह ने शुक्रवार को जिला कमेटी की सूची जारी की. कमेटी में कुछ पद रिक्त रह गये हैं. सूची जारी होते ही सवाल उठने लगा कि जब भाजपा महानगर जिला कमेटी में ओबीसी को पद देने के लिए श्रवण राय को महामंत्री बनाया गया. तब भाजयुमो में किसी ओबीसी या एससी, एसटी को बड़ी जिम्मेदारी क्यों नहीं दी गयी.
Jharkhand News, Dhanbad News, धनबाद (संजीव झा) : भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) धनबाद महानगर जिला कमेटी की घोषणा होते ही पार्टी के अंदर हंगामा शुरू हो गया है. संगठन के अंदर इस पर कई सवाल उठने लगे हैं. भाजयुमो महानगर जिलाध्यक्ष अमलेश सिंह ने शुक्रवार को जिला कमेटी की सूची जारी की. कमेटी में कुछ पद रिक्त रह गये हैं. सूची जारी होते ही सवाल उठने लगा कि जब भाजपा महानगर जिला कमेटी में ओबीसी को पद देने के लिए श्रवण राय को महामंत्री बनाया गया. तब भाजयुमो में किसी ओबीसी या एससी, एसटी को बड़ी जिम्मेदारी क्यों नहीं दी गयी.
मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमलेश सिंह क्षत्रिय हैं. एक महामंत्री तमाल राय बंगाली ब्राह्मण हैं, दूसरे महामंत्री सत्य प्रकाश सिंह भी क्षत्रिय हैं. तीन उपाध्यक्ष में से दो पिंटू सिंह क्षत्रिय हैं तो जयंत चौधरी भूमिहार हैं. एससी कोटा से अवध बिहारी राम को उपाध्यक्ष बनाया गया है. उपाध्यक्ष का दो पद रिक्त है.
महानगर जिलाध्यक्ष द्वारा 19 फरवरी को जारी सूची में तीन मंडल अध्यक्षों का नाम नहीं था, लेकिन सूची जारी होते ही धनबाद प्रखंड एवं धनबाद नगर की घोषणा इन मंडलों के भाजपा अध्यक्षों ने कर दी. धनबाद प्रखंड अध्यक्ष विकास मिश्र ने नीतेश महतो को युवा मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया. वहीं धनबाद नगर अध्यक्ष निर्मल प्रधान ने अमित सिन्हा को यहां पर युवा मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया. इन दोनों मंडलों के अध्यक्ष के नाम पर जिलाध्यक्ष से सहमति नहीं ली गयी. झरिया नगर में भाजयुमो अध्यक्ष का पद अभी रिक्त है.
भाजयुमो के महानगर जिलाध्यक्ष अमलेश सिंह ने कहा कि जिला पदाधिकारियों की घोषणा प्रदेश नेतृत्व की सहमति से हुई है. अगर प्रदेश नेतृत्व को लगता कि किसी का नाम हटाना था तो हटा सकते थे. धनबाद प्रखंड एवं धनबाद नगर तथा झरिया नगर अध्यक्ष की घोषणा भी प्रदेश नेतृत्व की सहमति से ही रोकी गयी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra