Jharkhand News : उत्तराखंड के चमोली से लोहरदगा पहुंचा मृतक विक्की का शव, रो पड़ा पूरा गांव, पढ़िए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से रोजगार को लेकर क्या की मांग
Jharkhand News, Lohardaga News, लोहरदगा न्यूज (गोपी कुंवर) : उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद हुई तबाही से लापता बेठहठ पंचायत के 9 मजदूरों में से एक मजदूर विक्की भगत का शव मिलने के बाद 15 वें दिन रविवार रात्रि 1 बजकर 30 मिनट पर एंबुलेंस से शव गांव लाया गया, वहीं 8 मजदूरों की खोजबीन प्रशासन द्वारा अब भी की जा रही है. बेठहठ महुरंग टोली में शव पहुंचने के बाद विक्की के माता-पिता, भाई-बहन एवं गांव के लोग फफक कर रोने लगे. पूरे गांव में मातम है. इस बीच मृतक का अंतिम संस्कार किया गया.
Jharkhand News, Lohardaga News, लोहरदगा न्यूज (गोपी कुंवर) : उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद हुई तबाही से लापता बेठहठ पंचायत के 9 मजदूरों में से एक मजदूर विक्की भगत का शव मिलने के बाद 15 वें दिन रविवार रात्रि 1 बजकर 30 मिनट पर एंबुलेंस से शव गांव लाया गया, वहीं 8 मजदूरों की खोजबीन प्रशासन द्वारा अब भी की जा रही है. बेठहठ महुरंग टोली में शव पहुंचने के बाद विक्की के माता-पिता, भाई-बहन एवं गांव के लोग फफक कर रोने लगे. पूरे गांव में मातम है. इस बीच मृतक का अंतिम संस्कार किया गया.
रात्रि में विक्की भगत के शव आने के बाद पूरे गांव के लोगों की भीड़ शव को देखने पहुंच गई, वहीं ग्रामीणों एवं परिवार के लोगों द्वारा रविवार रात्रि 04 बजे विक्की का अंतिम संस्कार किया गया. विक्की भगत 23 जनवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में पावर प्रोजेक्ट में काम करने गया था. जिसके बाद ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही से उसकी मौत हो गई. शव के आने के बाद गांव में चारों ओर सिर्फ रोने की आवाजें आ रही थीं.
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मृतक विक्की भगत के शव आने के बाद अन्य लापता आठ मजदूरों के परिजनों की आँखें भी अपनों को ढूंढती नजर आईं. आठ मजदूरों के परिजनों को लग रहा था कि उनके अपने भी गाव आ रहे हैं, वही प्रशासन से जल्द से जल्द अपनों की खोजबीन की गुहार भी लगा रहे थे. ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही सभी लोगों की खोजबीन कर गांव पहुंचाया जाये, साथ ही गांव घरों में ही रोजगार की व्यवस्था की जाए, जिससे लोग बाहर ना जाएं एवं उत्तराखंड जैसी तबाही का शिकार आगे मजदूरों को ना होना पड़े.
रोजगार के अभाव में ही मजदूर बाहर जाते हैं एवं अपनों से दूर जाने के बाद मजदूरों का वापस लौटने की उम्मीद नहीं होती. प्रशासन को चाहिए कि गांव घरों में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए, जिससे अपने गांव घरों में ही रह कर परिवार के संग रखते हुए लोग रोजगार पाकर बेहतर ढंग से घर परिवार चला सकें और आगे किसी भी परिवार के लोग उत्तराखंड जैसी तबाही का शिकार ना हों.
Posted By : Guru Swarup Mishra