Jharkhand News : जर्जर सड़क पर चलना हुआ मुश्किल, तो श्रमदान से की मरम्मत, गांव के अधिकारियों ने की ऐसे मदद
बरसात में सड़क काफी जर्जर हो चुकी थी. श्रमदान के माध्यम से हर वर्ष मिट्टी डालकर सड़क चलने लायक बनाते हैं. हालांकि सड़क की निविदा निकाली जा चुकी है, परंतु निर्माण कार्य शुरू होने में देरी की वजह से सड़क की मरम्मत श्रमदान से की गयी.
Jharkhand News, लातेहार न्यूज (वसीम अख्तर) : झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के एसएच-9 (सड़क) से परहाटोली पंचायत कुरोकला मोड़ से लेकर नगरप्रतापपुर ग्राम तक करीब छह किमी जर्जर सड़क है. इसमें एक किलोमीटर सड़क को श्रमदान से ग्रामीणों ने बना दी है. हालांकि इस सड़क का टेंडर एक महीने पूर्व आरसीबी विभाग से लगभग 82 करोड़ में हुआ है. इसकी लम्बाई 32 किमी है, लेकिन संवेदक के द्वारा कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया है. श्रमदान में छुट्टी पर घर आये कई अधिकारियों ने भी सहयोग दिया.
आखिरकार ग्रामीणों ने इस सड़क की मरम्मत करने का बीड़ा आर्थिक और शारीरिक रूप से उठाया और श्रमदान कर लगभग एक किमी सड़क चलने लायक बनाया. ग्रामीणों ने सड़क पर मिट्टी डालकर चलने लायक बना दिया है. सड़क पर बने गड्ढों को मिट्टी से भरकर आने-जाने लायक बनाया. गौरतलब है इस क्षेत्र के नगर प्रतापपुर, उदालखाड़, शाहपुर परहाटोली समेत अन्य गांवों के ग्रामीणों का इसी सड़क से प्रतिदिन अनुमंडल मुख्यालय महुआडांड़ और बाजार के लिए अवागमन होता है.
सीमा पन्ना, सलमा तिग्गा, राकेश लकड़ा, भूषण टोप्पो, फुलिकार टोप्पो, बिनोद कुजुर, फ़िलमोहन गिद्ध,अरमान कुजूर, प्रीतम लकड़ा, संजय कुजूर ने बताया कि बरसात में सड़क काफी जर्जर हो चुकी थी. श्रमदान के माध्यम से हर वर्ष मिट्टी डालकर सड़क चलने लायक बनाते हैं. हालांकि सड़क की निविदा निकाली जा चुकी है, परंतु निर्माण कार्य शुरू होने में देरी की वजह से सड़क की मरम्मत श्रमदान से की गयी. कुरो कला निवासी व जामताड़ा कॉलेज के प्राचार्य अजय राज खलखो, मांडर के अंचल अधिकारी विजय हेमराज खलखो और एसीबी रांची में कार्यरत आनंद राज खलखो छुट्टी पर घर आये हुए हैं. इनके द्वारा भी आर्थिक और शारीरिक रूप से सड़क मरम्मत में योगदान दिया गया.
इसी गांव के निवासी व जामताड़ा कॉलेज के प्राचार्य अजय राज खलखो ने कहा कि जर्जर सड़क रहने की वजह से गर्भवती महिलाओं, स्कूली बच्चों एवं वृद्ध को अत्यधिक परेशानी होती है. छुट्टी पर गांव आये हुए हैं. गांव के लोगों को श्रमदान करते देख उन्होंने भी सहयोग किया.
Posted By : Guru Swarup Mishra