Jharkhand News, धनबाद न्यूज : झारखंड के धनबाद जिले के बरटांड़ स्थित श्रम नियोजनालय में श्रम अधीक्षक प्रवीण कुमार के साथ युवकों ने अभद्र व्यवहार किया. युवकों का ग्रुप नियोजनालय परिसर में गाड़ी लगाकर शराब पी रहा था. श्री कुमार के मना करने पर वे उनके साथ उलझ गये और गाली गलौज की. श्रम अधीक्षक ने इसकी सूचना उपायुक्त को दी. इसके साथ ही विधायक ढुलू महतो को सूचित किया. श्री कुमार ढुलू महतो के बड़े भाई शरत महतो के दामाद हैं, जबकि शराब पीने वाले युवकों के ग्रुप में सबसे मुखर सौरभ स्थानीय ठेकेदार पारस सिंह का पुत्र बताया जाता है. उसके एक और साथी चुन्नु की भी शिनाख्त हुई है. बाकी तीन-चार युवकों की पहचान नहीं हो पायी है. पारस सिंह ने अपने बेटे की करतूत के लिए श्रम अधीक्षक व विधायक से माफी मांग ली है. दोनों पक्ष में इस शर्त के साथ सुलह हुई कि सौरभ और उसके साथी श्रम अधीक्षक से मिलकर माफी मांगेंगे.
श्रम नियोजनालय सह आवासीय परिसर में बुधवार की शाम गाड़ी लगाकर आधा दर्जन युवक शराब पी रहे थे. इसी दौरान श्रम अधीक्षक प्रवीण कुमार मौके पर पहुंच गये और सभी को शराब पीने से मना किया. मना करने पर शराब पी रहे युवक उग्र हो गये और प्रवीण कुमार के साथ उलझ गये. सभी लोग उनके साथ मिल कर झगड़ा करने के लिए उतावले हो गये और अभद्र व्यवहार करने लगे. हल्ला सुन कर बरटांड़ के दुकानदार वहां पहुंच गये और वे सभी श्री कुमार का बचाव करने लगे और दुकानदारों के विरोध के बाद सभी वहां से फरार हो गये. घटना के तुरंत बाद डीसी धनबाद को फोन कर जानकारी दी और विधायक ढुलू महतो को सूचित किया. इसके तुरंत बाद धनबाद थाना प्रभारी विनय कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक युवक फरार हो चुके थे.
घटना के बाद एक तरफ धनबाद पुलिस पहुंची और दूसरी तरफ विधायक ढुलू महतो अपने दर्जनों समर्थकों के साथ पहुंच गये. बरटांड़ के कई दुकानदार मौके पर थे. पुलिस के आने के बाद सौरभ के पिता पारस सिंह को बुलाया गया. विधायक और श्रम अधीक्षक उसके पुत्र और सभी साथियों को लाने की बात कह रहे थे, लेकिन मामला गर्म होता देख आरोपी का ठेकेदार पिता पारस सिंह ने अपने बेटे को नहीं बुलाया और विधायक से माफी मांगने लगा, लेकिन एक घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा और अंत में विधायक व श्रम अधीक्षक ने पारस सिंह की बात मान ली और इस बात पर राजी हुए कि उनका पुत्र के साथ अन्य युवक आकर माफी मांगेंगे. अब तक थाने में किसी पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं की है.
Posted By : Guru Swarup Mishra