Jharkhand News (आरिफ, हजारीबाग) : उत्तरी छोटानागपुर का प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग के पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सक समेत कई अन्य कर्मियों की भारी कमी है. इसमें प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी, पशुधन सहायक, कार्यालय कर्मी, अनुसेवक एवं नाइट गार्ड की कमी है. इसके कारण क्षेत्र के ग्रामीण अपनी पशुओं का सही तरीके से इलाज नहीं करा पा रहे हैं. इतना ही नहीं, नाइट गार्ड के अभाव में प्रखंड पशु चिकित्सालय भी भगवान भरोसे है.
हजारीबाग जिला अंतर्गत 8 प्रखंड बड़कागांव, विष्णुगढ़, टाटीझरिया, चलकुसा, दारू, कटकमदाग, डाडी एवं पदमा में प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी नहीं हैं. टाटीझरिया के झुमरा एवं चौपारण के रामपुर दोनों सेंटर पर भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी का पद खाली है. सभी 16 प्रखंड के लिए 33 पशुधन सहायक में 26 पशुधन सहायक कार्यरत नहीं हैं. 16 अनुसेवक एवं 16 नाइट गार्ड का पद रिक्त है. रात में सभी प्रखंड पशु चिकित्सालय बगैर नाइट गार्ड के भगवान भरोसे सुरक्षित है.
हजारीबाग जिला के टाटीझरिया, चलकुसा, दारू, कटकमदाग, डाडी एवं पदमा 6 प्रखंड बने कई वर्ष गुजर गये. इन सभी में प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी का पद अब-तक सृजित नहीं हुआ है. यहां लाखों रुपये खर्च कर पशु अस्पताल बनाये गये हैं. लेकिन, सभी वीरान स्थिति में है.
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पशु चिकित्सकों के नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र में पशुओं का इलाज समय पर नहीं हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के किसान गाय, बैल, बकरी, सूकर, मुर्गी, बत्तख समेत अन्य पालतू जानवर पालते हैं. ये उनका आर्थिक स्रोत है. ऐसे में जानवरों के सही रख-रखाव एवं विभिन्न प्रकार की बीमारियों की देखरेख के लिए पशु चिकित्सकों का होना अनिवार्य है. इनके नहीं रहने से किसान परेशान हैं.
बता दें कि जुलाई 2020 से अवर प्रमंडल पशु चिकित्सा पदाधिकारी का पद खाली है. प्रांतीयकृत पशु चिकित्सालय पदाधिकारी डॉ विक्टर शा को अवर प्रमंडल पशु चिकित्सा प्रभारी बनाया गया है. कई प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी को दो एवं तीन प्रखंड का प्रभार मिला है.
जिला पशुपालन विभाग की ओर से 15 अगस्त, 2021 से पंचायत स्तर पर पशु जांच शिविर अभियान शुरू है. यह अभियान दो अक्टूबर तक चलेगा. कई किसानों ने जांच शिविर अभियान को खानापूर्ति बताया है. जांच शिविर के नाम पर मोटी रकम खर्च की जा रही है.
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इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ न्यूटन तिर्की ने कहा कि जिला में पशु चिकित्सक एवं कार्यालय कर्मियों की कमी है. इस पर हर तीन महीने में सरकार को रिपोर्ट भेजी जा रही है. पशु चिकित्सकों की कमी के कारण कल्लू चौक स्थित एकमात्र प्रांतीयकृत पशु चिकित्सालय में 24 X 7 पेट क्लिनिक सेवा को बंद किया गया है.
Posted By : Samir Ranjan.