Jharkhand News, Koderma News, कोडरमा न्यूज (विकास कुमार) : जल, जंगल व जमीन पर लगातार बढ़ रही मानव दखलअंदाजी का खामियाजा बेजुबानों को भुगतना पड़ रहा है. पिछले दो दिनों से हजारीबाग पश्चिमी प्रमंडल के बरही प्रक्षेत्र अंतर्गत जवाहर घाट के दोनों तरफ जंगल में आग लगने की वजह से भटककर चंदवारा पहुंचे एक हिरण की मंगलवार को यहां मौत हो गई. हजारीबाग पश्चिमी प्रमंडल के डीएफओ का दावा है कि जंगल में लगी आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पा लिया गया है. पर्यावरणविद् इंद्रजीत सामंता ने विभाग के वरीय अधिकारियों को ईमेल भेजकर रांची-पटना रोड के चौड़ीकरण कार्य को लेकर प्रभावित किए गए प्राकृतिक ढाल को बचाने को लेकर पहल करने की मांग की है.
आशंका जताई जा रही है कि आग व धुएं की वजह से दम घुटने के कारण हिरण ने दम तोड़ दिया. हालांकि, वन विभाग कोडरमा हिरण के पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों को लेकर स्पष्ट जानकारी देने की बात कर रहा है, जबकि दूसरी तरफ हजारीबाग पश्चिमी प्रमंडल के डीएफओ का दावा है कि जंगल में लगी आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पा लिया गया है. इस बीच पूरी स्थिति पर सवाल उठाते हुए पर्यावरणविद् इंद्रजीत सामंता ने विभाग के वरीय अधिकारियों को ईमेल भेजकर रांची-पटना रोड के चौड़ीकरण कार्य को लेकर प्रभावित किए गए प्राकृतिक ढाल को बचाने को लेकर पहल करने की मांग की है.
जानकारी के अनुसार 28 फरवरी की देर शाम बरही जवाहर घाट के पास सड़क के दोनों तरफ जंगल में आग लगने की बात सामने आई. सूचना मिलने पर पश्चिमी प्रमंडल हजारीबाग के डीएफओ के निर्देश पर वनकर्मी आग बुझाने मौके पर पहुंचे, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. एक मार्च को कोबरा बटालियन बरही से संपर्क साध कर जवानों की मदद से दमकल को आग बुझाने में लगाया गया. इसके बाद आग पर किसी तरह थोड़ा बहुत नियंत्रण पाया जा सका.
लोगों की मानें तो इलाके में धुएं का गुब्बार अभी भी महसूस किया जा सकता है. लोग आग लगने की वजह से जंगली जानवारों पर आफत आने की भी बात कर रहे थे. इसी बीच चंदवारा महावीर चौक के पास दशरथ पांडेय के घर के पीछे खेत की तरफ से एक हिरण का बच्चा रांची-पटना रोड पर आ गया. मंगलवार सुबह में ग्रामीणों को देख डर से हिरण दौड़ने लगा, पर कुछ दूर दौड़ने के बाद वह गिर पड़ा. ग्रामीणों ने उसका हाथ-पांव बांधकर सुबह में ही वन विभाग को सूचना दी. सूचना पर पहुंचे वन कर्मी हिरण को लेकर कोडरमा रवाना हुए, पर रास्ते में ही हिरण ने दम तोड़ दिया.
इधर, आग लगने की घटना को लेकर वरीय अधिकारियों को ईमेल कर अवगत कराते हुए पर्यावरणविद् इंद्रजीत सामंता ने कहा है कि पिछले तीन दिनों से वन रक्षी बरही- कोडरमा खंड पर एनएच-31 से सटे जंगल की आग को बुझाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने पाया है कि अग्निशमन कर्मी मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, क्योंकि सड़क के चौड़ीकरण के लिए प्राकृतिक ढाल को हटा दिया गया है. जंगल का करीब 50 फीसदी हिस्सा आग से प्रभावित है. हम सभी को स्थानीय स्तर पर संवेदनशील होने की आवश्यकता है, क्योंकि एनएच -31 को पर्यावरणीय मंजूरी से बाहर किया जा रहा है, जबकि यह एक रेखीय परियोजना है. हितधारकों से अनुरोध है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपायों पर काम करें. वैसे पास में पड़ने वाला तिलैया जलाशय महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है.
पश्चिमी प्रमंडल हजारीबाग के डीएफओ रवींद्र मिश्रा ने कहा कि सूचना के बाद वन कर्मियों ने कोबरा बटालियन के जवानों की मदद से आग पर काबू पा लिया है. आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं है.
कोडरमा के डीएफओ सूरज कुमार सिंह ने कहा कि संभवत: हजारीबाग प्रक्षेत्र के जंगल में लगी आग की वजह से जानवर इधर-उधर भटकने को मजबूर हुए हैं. भटककर पहुंचे एक हिरण की मौत हो गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra