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Jharkhand News : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में कैसे चल रहा पैसे का खेल ? पढ़िए ये रिपोर्ट

धनबाद (संजीव झा) : डेढ़ से दो हजार रुपये दीजिए और किसान बन कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के छह हजार रुपये सालाना पाइए. धनबाद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर फर्जी तरीके से किसान बता कर राशि दिलाने का बड़ा खेल चल रहा है. एक ही रैयती भूमि के कागज पर कई लोगों को किसान बता कर ऑनलाइन आवेदन दिये जा रहे हैं. बच्चों को भी किसान बता कर आवेदन दिया जा रहा है. कुछ को राशि भी मिल जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2020 6:35 PM

धनबाद (संजीव झा) : डेढ़ से दो हजार रुपये दीजिए और किसान बन कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के छह हजार रुपये सालाना पाइए. धनबाद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर फर्जी तरीके से किसान बता कर राशि दिलाने का बड़ा खेल चल रहा है. एक ही रैयती भूमि के कागज पर कई लोगों को किसान बता कर ऑनलाइन आवेदन दिये जा रहे हैं. बच्चों को भी किसान बता कर आवेदन दिया जा रहा है. कुछ को राशि भी मिल जा रही है.

धनबाद जिले में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत राशि के लिए अप्रैल से 31 जुलाई के बीच एक लाख दो हजार आवेदन आये. सारे आवेदन ऑनलाइन ही आये हैं. इन आवेदनों के साथ आधार कार्ड, रैयती जमीन का ब्योरा व लगान रसीद तक की कॉपी लगायी जा रही है. एक किसान को प्रति वर्ष तीन किश्तों में छह हजार रुपये मिलते हैं. दलाल व सिंडिकेट के सदस्य किश्त के हिसाब से लाभुक से पैसे लेते हैं. पहले तो आवेदन फॉर्म भरने व प्रोसेस के नाम पर तीन से पांच सौ रुपया लिए जाते हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

धनबाद जिले में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान अचानक किसानों की बाढ़ आ गयी थी. चार माह में ही एक लाख से अधिक नये आवेदन ने केंद्रीय कृषि निदेशालय की नींद उड़ा दी. केंद्रीय कृषि निदेशक ने 11 अगस्त को पत्र लिख कर इस मामले की जांच राज्य के कृषि विभाग से कराने को कहा. इस पर राज्य के कृषि सचिव अबु बकर सिद्दकी ने धनबाद के उपायुक्त को जांच कराने को कहा.

इस पर उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने एक सितंबर को आदेश जारी किया कि हर अंचल में अब अंचलाधिकारी नोडल पदाधिकारी होंगे. साथ ही दावों की जांच कराने को कहा . इसके लिए हर अंचल में कमेटी बनायी गयी. टीम में सभी प्रखंडों के कृषि पदाधिकारी, कृषि मित्र, जनसेवक, प्रखंड कृषि प्रबंधक (बीटीएम) तथा सहायक तकनीकी प्रबंधक (एटीएम) को शामिल किया गया.

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टीम ने ऑनलाइन आवेदन का भौतिक सत्यापन शुरू किया. साथ ही वंशावली का सत्यापन संबंधित पंचायत के मुखिया से करायी जा रही है. सत्यापित प्रति की जांच संबंधित अंचलाधिकारी करेंगे. इसके बाद ही स्वीकृति मिलेगी. 15 सितंबर तक कुल 76,198 ऑनलाइन आवेदन की भौतिक जांच हुई तो 67,550 आवेदक फर्जी निकले. केवल 8,648 आवेदन ही सही मिले इतने ही नये किसानों को योजना का सही लाभुक पाया गया. अब भी 26 हजार आवेदन की जांच जारी है.

सूत्रों के अनुसार सिंडिकेट के सदस्य असली किसान के कागजात की फोटो कॉपी कर उसमें दूसरे का नाम चढ़ा देते हैं. बहुत सारे मामलों में आधार कार्ड भी असली किसान का होता है, लेकिन बैंक खाता नकली किसान का होता है. आवेदन फॉर्म में सतही तौर पर कोई तकनीकी त्रृटि नहीं होती, लेकिन जब सूक्ष्मता से जांच होती है तब इस खेल का पता चलता है.

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कृषि विभाग जहां यह कह कर पल्ला झाड़ लेता है कि जमीन संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं होने के चलते किसान के दावा को असली या नकली बताना उसके लिए संभव नहीं है, जबकि राजस्व विभाग यह कह कर पिंड छुड़ा लेता है कि किसान कौन है और कौन नहीं, यह कृषि विभाग ही बता सकता है. इन दोनों विभागों से सिंडिकेट की सेंटिंग रहती है.

कहां कितने असली, कितने फर्जी आवेदन

प्रखंड कुल आवेदन फर्जी असली

बाघमारा 13,228 12,028 1200

बलियापुर 6753 5,679 1074

धनबाद (पुटकी सहित) 509 364 145

गोविंदपुर 24,275 23,917 358

निरसा 24,478 22,163 2315

पूर्वी टुंडी 8,254 7,649 605

तोपचांची 15,290 13,972 1318

टुंडी 9,261 7,925 1336

कुल 1,02, 048 67,550 8,648

(नोट : सभी आंकड़े 15 सितंबर 2020 तक के हैं)

धनबाद जिले में वर्ष 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 75 हजार किसानों को राशि का भुगतान हुआ था. इसमें भी जांच के दौरान 10 हजार किसानों का मामला संदिग्ध मिला है. ऐसे किसानों के बैंक खाता व दावों की जांच चल रही है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में ऐसे किसानों की राशि रोक दी गयी है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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