सारंडा के छोटानागरा पंचायत में मानकी- मुंडा चुनाव को लेकर दो गुट में बंटे ग्रामीण, अवैध चयन की दे रहे हैं दलील
Jharkhand News, Kiriburu News : छोटानागरा पंचायत में मानकी- मुंडा चुनाव को लेकर गांवों में विवाद बढ़ गया है. दुबिल पीढ़ और दुबिल गांव के ग्रामीणों के बीच मनमुटाव बढ़ गया है. मानकी- मुंडा चुनाव को लेकर छोटानागरा पंचायत के ग्रामीण आपस में बंट गये हैं. इस विवाद की शुरुआत विगत 28 दिसंबर, 2020 को दुबिल गांव में विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर नये मानकी चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने से हुआ था.
Jharkhand News, Kiriburu News, किरीबुरु (शैलेश सिंह) : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सारंडा के मनोहरपुर प्रखंड स्थित छोटानागरा पंचायत में मानकी- मुंडा के चुनाव को लेकर गांवों में विवाद बढ़ता जा रहा है. दुबिल पीढ़ के मानकी और दुबिल गांव के मुंडा चुनाव को लेकर आमने-सामने आ गये हैं. मानकी- मुंडा चुनाव से पहले छोटानागरा पंचायत के सभी गांवों के ग्रामीण संगठित एवं एक परिवार के सदस्य की तरह आपसी भाईचारा के साथ रहते थे, लेकिन अब दो खेमों में बंट गये हैं, जो सारंडा की ग्रामीण जनता एवं पुलिस- प्रशासन के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है.
छोटानागरा पंचायत में मानकी- मुंडा चुनाव को लेकर गांवों में विवाद बढ़ गया है. दुबिल पीढ़ और दुबिल गांव के ग्रामीणों के बीच मनमुटाव बढ़ गया है. मानकी- मुंडा चुनाव को लेकर छोटानागरा पंचायत के ग्रामीण आपस में बंट गये हैं. इस विवाद की शुरुआत विगत 28 दिसंबर, 2020 को दुबिल गांव में विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर नये मानकी चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने से हुआ था.
दिसंबर माह में दुबिल गांव के वृद्ध बागुन चाम्पिया की अध्यक्षता में ग्रामसभा की बैठक आयोजित हुई. बैठक में धन सिंह चाम्पिया का नाम बतौर मानकी के रूप में प्रस्ताव पारित कर प्रशासनिक मान्यता के लिए मनोहरपुर अंचल कार्यालय भेज दिया था.
इससे नाराज दूसरे गुट तथा पूर्व मानकी के पौत्र दुनु चाम्पिया पूरे प्रमाण एवं वंशावली के साथ कोल्हान अधीक्षक व प्रशासनिक अधिकारियों का दरवाजा खटखटाते हुए धन सिंह चाम्पिया का मानकी के रूप में चयन को अवैध करार दिया तथा उसे मानकी मानने से इनकार कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि पहले उक्त मौजा के मानकी स्वर्गीय बामिया चाम्पिया थे जिनकी मौत 31 वर्ष पहले हो चुकी थी. बागुन की मौत के बाद कार्यवाहक मानकी के रूप में उनका बेटा स्वर्गीय दुला चाम्पिया वर्षों तक बिना ग्रामसभा के चयन के मानकी की भूमिका निभाते रहें. कुछ वर्ष पूर्व दुला चाम्पिया की भी मौत हो गयी थी. इसके बाद दुला का बेटा दुनु चाम्पिया मानकी पद का दावेदारी पेश कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान धन सिंह चाम्पिया को मानकी के रूप में चयन कर दिया गया.
मानकी चुनाव से संबंधित विवाद तब और बढ़ गया जब दो दिन पूर्व दुबिल गांव के वर्षों से नियुक्त कार्यवाहक मुंडा रामलाल चाम्पिया के खिलाफ दूसरा गुट (दुनु चाम्पिया गुट) सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम की अध्यक्षता में दुबिल गांव में ही ग्रामसभा का आयोजन कर दुबिल निवासी सुखराम चाम्पिया पिता स्वर्गीय रुईदास चाम्पिया को गांव का नये मुंडा के रूप में चयन कर दिया.
अब हालात यह है कि दुबिल पीढ़ (दुबिल पीढ़ अंतर्गत 22 गांव शामिल) के 2 मानकी एवं दुबिल गांव के 2 मुंडा हो गये हैं और दोनों गुटों में आपसी विद्वेष भी बना हुआ है. जिला पुलिस-प्रशासन अगर समय रहते मानकी- मुंडा के इस नये विवाद का समाधान उनके प्रावधान और नियमों अनुसार नहीं कराती है, तो भविष्य में विवाद काफी बढ़ सकता है.
Posted By : Samir Ranjan.