Jharkhand News (दीपक कुमार दुबे, घनुडीह, धनबाद) : झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत घनुडीह की 10 वर्षीय बेटी तनीषा संसाधनों के अभाव में टूटे हुए धनुष से निशाना साध रही है. अग्नि प्रभावित क्षेत्र दोबारी बंद कोलियरी के पास रहने वाले दलित परिवार की बेटी तनीषा की प्रतिभा को निखाने में आर्थिक स्थिति रोड़ा बन रहा है. पैसे नहीं होने के कारण मनीषा टूटे हुए धनुष की मरम्मत करा कर निशाना साध रही है. परिजनों को सोनू सूद जैसे मददगार व राज्य सरकार से सहायता की आस है, ताकि तनीषा अपने सपने की उड़ान बेहतर तरीके से उड़ सके.
आर्चरी की दुनिया में झारखंड की तीरंदाज दीपिका का नाम का आज अलग ही मुकाम है. उसी दीपिका को अपना आइकोन मानकर झरिया के दोबारा बस्ती की 10 वर्षीय तनीषा आज आर्चरी की दुनिया में अपनी कदम बढ़ा रही है. लेकिन, इन सबके बीच गरीबी इन्हें इस खेल से जुदा कर रही है.
संसाधन की कमी उसके लक्ष्य के सामने खड़ा हो जा रहा है. तनीषा वर्ष 2019 से आर्चरी की अभ्यास शुरू की. तनीषा अपने घर के पास ही खुले मैदान में बार-बार धनुष को रिपेयर कर अभ्यास करती है . तनीषा ने अपने अभ्यास के दम पर कम समय में ही सिंफर में आयोजत जिलास्तर पर तीरंदाजी खेल में 10 वर्ष आयु में तीसरे स्थान पर रही.
Also Read: Jharkhand News : ड्रीम 11 में लातेहार के चाउमीन विक्रेता गोपाल प्रसाद ने जीते 57 लाख रुपये, जानें कैसेआज भी तनीषा टुटे हुए धनुष को रिपेयर करवा कर अपने अभ्यास को जारी रखी है. तनीषा जामाडोबा फीडर में कोच शमशाद से तीरंदाजी का गुर सीखी है. तनीषा आमताल हाई स्कूल में 5वीं क्लास की छात्रा कोरोना काल में उसके परिवार को आर्थिक रूप से और भी झकझोर दिया है. इसके बावजूद अभ्यास जारी रखी हुई है.
तनीषा की घर की माली हालत बहुत ही खराब है. पिता गुड्डू भुइयां छोटी सी चाय और नाश्ते की दुकान चलाते हैं. उसी की कमाई से ही पूरे परिवार का भरण-पोषण होता है. मां गृहिणी है और घर के कामों में व्यस्त रहती है. इसके बावजूद तनीषा के पिता अपनी इस नन्ही परी के सपनों में जान डालने के लिए किसी तरह धनुष दिलवाये हैं. पिता अपनी बेटी की सहायता के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
घर की माली स्थिति को देखते हुए तनीषा अभ्यास के बाद दुकान में पिता का हाथ बंटाती है. एक अच्छा आर्चरी के लिए व अभ्यास के लिए सामान जुटाने में 2 से 3 लाख रुपये की जरूरत होती है, लेकिन तनीषा के पिता इसके लिए असमर्थ हैं.
तनीषा के कोच शमशाद व पिता गुड्डू का कहना है कि तनीषा में एक अच्छे तीरंदाज की प्रतिभा छिपी हुई है. अगर इसके प्रतिभा को समय रहते निखारा जाये, तो यह भी देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. पिता कहते हैं कि अगर समय रहते तनीषा को मदद मिल जाये, तो वो आगे भी प्रैक्टिस जारी रख पायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.