Jharkhand News : कस्तूरबा गांधी विद्यालय के दर्जनों शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों की दिवाली व छठ रहेगी फीकी !
हजारीबाग के झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय को सरकार की ओर से सालाना 100 करोड़ से अधिक का बजट प्राप्त हो रहा है. बावजूद इसके कई कस्तूरबा स्कूल के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों को समय पर मानदेय नहीं मिलने से कर्मी निराश एवं हताश हैं.
Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (आरिफ) : झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय के अधीन 10 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के दर्जनों शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों को पांच महीने से मानदेय नहीं मिला है. इससे वे आक्रोशित हैं. दशहरा बीत गया है. दीपावली एवं छठ सहित कई महत्वपूर्ण त्योहार आने वाले हैं. इसके बाद भी इन्हें मानदेय नहीं मिला है. कई शिक्षक संगठनों ने मानदेय की मांग को लेकर प्रभारी डीईओ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है. इसमें त्योहार को देखते हुए कर्मियों को अविलंब मानदेय भुगतान करने की मांग की गयी है.
हजारीबाग के झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय को सरकार की ओर से सालाना 100 करोड़ से अधिक का बजट प्राप्त हो रहा है. बावजूद इसके कई कस्तूरबा स्कूल के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों को समय पर मानदेय नहीं मिलने से कर्मी निराश एवं हताश हैं. ऐसा पहली बार नहीं है. पारा शिक्षकों को भी समय पर मानदेय नहीं मिलने से कई बार पारा शिक्षकों संगठनों ने मानदेय भुगतान को लेकर उग्र आंदोलन चलाया है.
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हजारीबाग जिले के इचाक एवं चरही कस्तूरबा स्कूल के कई शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों को जून 2021 से अक्टूबर तक यानी पांच महीने का मानदेय लंबित है. एक कर्मी ने बताया है कि चुरचू कस्तूरबा स्कूल में कार्य कर रहे कर्मियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब-तक मात्र 32 दिनों का ही मानदेय मिला है. चरही कस्तूरबा में चार पूर्णकालिक शिक्षिकाएं, दो कर्मी, 11 घंटी आधारित शिक्षक-शिक्षिकाएं, दो अंशकालिक सफाई कर्मी, एवं रात्रि प्रहरी मिलाकर 19 लोग कार्यरत हैं. इचाक कस्तूरबा स्कूल में दो पूर्णकालिक शिक्षिका, तीन शिक्षकेतर कर्मी, सात घंटी आधारित शिक्षक-शिक्षिकाएं, एक अंशकालिक रसोईया मिलाकर कुल 13 लोग कार्यरत हैं. इन्हें भी जून से अक्टूबर 2021 तक मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. पैसे के अभाव में त्योहार मनाना तो दूर, घर-परिवार चलाना भी कठिन हो रहा है. परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति है.
हजारीबाग जिले में बरकट्ठा, इचाक, चौपारण, बड़कागांव, पदमा, बरही, विष्णुगढ़, कटकमसांडी, चूरचू (चरही) एवं केरेडारी प्रखंड में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. वहीं जिले के अन्य छह प्रखंड चलकुसा, दारू, टाटीझरिया, कटकमदाग, सदर एवं डाडी प्रखंड में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय अब तक नहीं खोला गया है.
हजारीबाग जिले के लगभग 1600 सरकारी स्कूलों के पास विद्यालय विकास फंड नहीं होने से चॉक खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. स्कूलों की साफ-सफाई, रंग-रोगन, पानी एवं शौचालय सफाई की व्यवस्था के लिए फंड का पूरी तरह अभाव है. दो महीने पहले अगस्त 2021 में सभी 1600 स्कूल के बैंक खाते में विभिन्न मदों के पड़े लगभग 25 करोड़ झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय ने वापस (रिटर्न) ले लिया है. इसके बाद स्कूलों के बैंक खाते में जीरो बैलेंस बचा है. बदले में शीघ्र ही स्कूलों में विद्यालय विकास फंड देने की बात कही गई थी, लेकिन फूटी कौड़ी नहीं मिली है.
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला सचिव शंकर प्रसाद ने कहा कि वित्तीय वर्ष के शुरू में कुछ महीने पारा शिक्षकों को मानदेय मिलने में दिक्कत हुई थी. वर्तमान समय हजारीबाग में कार्यरत लगभग 4000 से अधिक पारा शिक्षकों को समय पर मानदेय मिला है.
झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय हजारीबाग के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी अंजुला कुमारी ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण चरही एवं इचाक सहित अन्य कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के कुछ शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों के मानदेय भुगतान में विलंब हुआ है. कार्यालय द्वारा इसे ठीक किया जा रहा है. शीघ्र ही सभी का मानदेय भुगतान उनके संबंधित बैंक खाता में होगा.
प्रभारी डीईओ मिथिलेश कुमार सिन्हा ने कहा कि कस्तूरबा स्कूल से जुड़े कर्मियों के मानदेय समय पर भुगतान करने को लेकर परियोजना कार्यालय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है.
Posted By : Guru Swarup Mishra