Jharkhand News : ग्रामीण इलाकों में ऑनलाइन क्लास करना हुआ मुश्किल, नेटवर्क ही ढूंढते रह जा रहे छात्र
Jharkhand News : सरायकेला (शचीन्द्र कुमार दाश) : कोरोना संकट के कारण पिछले छह माह से स्कूल बंद हैं. बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास पर निर्भर है. सरायकेला-खरसावां जिले के सदरी क्षेत्र के बच्चे तो घर बैठे पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को पठन-पाठन में काफी परेशानी हो रही है.
Jharkhand News : सरायकेला (शचीन्द्र कुमार दाश) : कोरोना संकट के कारण पिछले छह माह से स्कूल बंद हैं. बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास पर निर्भर है. सरायकेला-खरसावां जिले के सदरी क्षेत्र के बच्चे तो घर बैठे पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के कारण ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को पठन-पाठन में काफी परेशानी हो रही है.
प्राइवेट स्कूल जूम, गूगल मीट एवं माइक्रोसॉफ्ट टीम समेत अन्य माध्यमों से ऑनलाइन कक्षायें संचालित करा रहे हैं, जबकि सरकारी स्कूल ह्वाट्सएप के माध्यम से बच्चों तक डिजिटल कंटेंट पहुंचा रहे हैं. सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई, खरसावां, कुकडू, चांडिल, नीमडीह, ईचागढ़, सरायकेला प्रखंड में अब भी कई ऐसे गांव हैं, जहां नेटवर्क की समस्या है.
गांव के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नेटवर्क की खोज में कभी छत पर चढ़ते हैं, तो कभी पहाड़ी टीला में जाते हैं. बार-बार शिकायत करने के बाद भी नेटवर्क की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. जहां नेटवर्क है, वहीं बच्चे बैठक कर पढ़ाई करते हैं.
खरसावां व कुचाई क्षेत्र में चार-पांच टेलिकॉम कंपनियों द्वारा टावर लगाया गया है, लेकिन शहर से तीन किमी दूर के गांवों में भी नेटवर्क की समस्या बनी हुई है. प्रखंड मुख्यालय खरसावां से तीन किमी दूर स्थित गांव हरिभंजा, गांगुडीह, रामपुर, मांदरुसाई आदि क्षेत्रों में नेटवर्क की काफी समस्या है. ऐसे गांवों की लंबी सूची है.
प्रखंड मुख्यालय से दूर पहाड़ी क्षेत्र के अधिकतर गांवों में नेटवर्क की समस्या है. राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) के नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 88 फिसदी घरों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है. प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने वाले इन क्षेत्रों के बच्चे स्कूलों में हर माह मोटी फीस तो भर रहे हैं, लेकिन कनेक्टिविटी की समस्या के कारण क्लास करने से वंचित हो रहे हैं. बच्चों को इंटरनेट नेटवर्क के लिए अलग-अलग लोकेशन पर भटकना पड़ता है.
छात्र प्रियंशु पाणी ने कहा कि नेटवर्क की समस्या के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. नेटवर्क खोजने के लिए कभी छत पर, तो कभी पेड़ के ऊपर चढ़ते हैं. फिर भी पढ़ाई ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, अभिभावक दशरथ बेहरा ने कहा कि नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए कई बार टेलिकॉम कंपनियों के कस्टमर केयर में शिकायत की गयी, परंतु समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बाधित हो रही है. बच्चों को कड़ी धूप में छत पर बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ रही है.
ग्रामीण प्रकाश मुंडा ने कहा कि कोरोना संकट के कारण स्कूल-कॉलेज में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण पठन-पाठन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. वहीं, ग्रामीण चैतन सरदार ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में हमेशा नेटवर्क की समस्या बनी रहती है. कई बार जनता दरबार के कार्यक्रमों में नेटवर्क समस्या का समाधान करने की मांग की गयी, परंतु इस दिशा में अब तक पहल नहीं हुई है.
Posted By : Guru Swarup Mishra