Jharkhand News (धनबाद) : झारखंड के धनबाद, झरिया और निरसा क्षेत्र में व्याप्त जल संकट को लेकर यहां के जनप्रतिनिधियों ने गुरुवार को आक्रमक रूख अपनाया. संबंधित सरकारी विभाग के अधिकारियों पर जमकर भड़के जनप्रतिनिधि. कहा कि पानी समस्या को लेकर अधिकारी संवेदनहीन हो गये हैं. विवाद बढ़ता देख डीसी संदीप सिंह ने जल संकट पर 25 सितंबर को अलग से संबंधित विभागों के साथ बैठक करने की घोषणा की.
गुरुवार को न्यू टाउन हॉल में सांसद पशुपति नाथ सिंह की अध्यक्षता में दिशा की बैठक हुई. बैठक में धनबाद, टुंडी व निरसा के विधायक काफी आक्रमक रवैया अपनाये हुए थे. कई क्षेत्रों में व्याप्त जलसंकट का मुद्दा छाया रहा. कई विधायकों के प्रतिनिधियों ने भी जल संकट पर विभागों पर निशाना साधा. वहीं, अधिकारी बचाव के मूड में थे.
धनबाद सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमाडा को कार्य संस्कृति बदलने की जरूरत है. धनबाद और झरिया में अक्सर जल संकट उत्पन्न हो रहा है. करोड़ों रुपये की योजनाएं तो स्वीकृत होती है, लेकिन काम नहीं होता. झरिया में जलापूर्ति के लिए 311 करोड़ रुपये की योजना तीन वर्ष पहले स्वीकृत हुई. आज तक जमाडा इस योजना में 15 फीसदी काम भी नहीं करा पाया है. धनबाद शहरी क्षेत्र में भी जल संकट रहता है. अधिकारी फेंका-फेंकी करते हैं. अभी झरिया में 6 दिनों तक जलापूर्ति ठप रही. धनबाद शहर के शास्त्री नगर, मटकुरिया जैसे इलाका में गंभीर जल संकट है. यह सब नहीं चलेगा.
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धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने कहा कि भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी रिस रहा है. रोज 6 MLD पानी बर्बाद होता है. विभाग के अधिकारी ने कहा कि भेलाटांड़ जलमीनार मरम्मत के लिए 3.50 करोड़ की योजना स्वीकृत हुई है. मरम्मत हो रही है. इस पर विधायक भड़क गये. कहा कि पेयजल विभाग के अधिकारी झूठ बोल कर गुमराह कर रहे हैं. वहां पर पानी भी ठीक से साफ नहीं हो रहा.
निरसा की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि निरसा-गोविंदपुर जलापूर्ति योजना का काम पिछले दो वर्ष से बंद है. इजराइल की टहल कंपनी यह काम कर रही है. निरसा के क्षेत्र में भी लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की तरफ से कुछ नहीं किया जा रहा है.
टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि उनके क्षेत्र में भी जल संकट है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को इसके लिए ठोस कदम उठाना चाहिए. योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करनी चाहिए.
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जनप्रतिनिधियों के भारी विरोध के बाद डीसी संदीप सिंह ने कहा कि 25 सितंबर को ही पेयजल एवं स्वच्छता, जमाडा, नगर निगम के साथ अलग से बैठक करेंगे. जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा करेंगे. इसके बाद यहां के जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जलसंकट का निदान करायेंगे. इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे. कहा कि अवैध रूप से पानी चोरी की सूचना है. नगर निगम द्वारा विशेष अभियान चलाया जायेगा.
इधर, सांसद पीएन सिंह ने कहा सभी अधिकारी जिले में चल रही विकास योजनाओं की रैंडम जांच करें. विभागीय अधिकारी को छोड़कर दूसरे अधिकारी योजना की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि योजना सक्रिय रूप से चल रही है या नहीं. विकास का कार्य गुणवत्तापूर्ण हो रहा है या नहीं. उन्होंने कुछ घरों के ऊपर से बिजली के 11 हजार वोल्ट के तार को शिफ्ट करने, कोविड-19 टीकाकरण का शेड्यूल उपलब्ध कराने को कहा. राजनीतिक दलों के बैनर पर भी सवाल उठाया. इस पर डीसी ने कहा कि कोविड से बचाव केलिए सरकार की तरफ से नि:शुल्क कैंप लगाया जा रहा है. कहा कि मनरेगा के तहत हुए कार्यों की जांच अब एक प्रखंड के अधिकारी दूसरी प्रखंड की करेंगे.
Posted By : Samir Ranjan.