31 साल से नहीं हुई गढ़वा में ग्रुप डी की बहाली, बेरोजगारों की संख्या बढ़ी

Jharkhand News, Garhwa News : एक तरफ जहां गढ़वा जिले में बेरोजगारों की फौज खड़ी है़ वहीं, दूसरी तरफ सरकारी विभाग में बड़े पैमाने पर कर्मियों के पद खाली पड़े हैं. गढ़वा जिले में बड़े पैमाने पर अनुसेवक (आदेशपाल/चपरासी) के पद खाली पड़े हुए हैं. गढ़वा को जिला बने 31 साल हो गये हैं, लेकिन इन सालों के दौरान एक बार भी यहां किसी भी विभाग ने अनुसेवक (ग्रुप डी) की बहाली नहीं ली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2021 5:27 PM

Jharkhand News, Garhwa News, गढ़वा (पीयूष तिवारी) : एक तरफ जहां गढ़वा जिले में बेरोजगारों की फौज खड़ी है़ वहीं, दूसरी तरफ सरकारी विभाग में बड़े पैमाने पर कर्मियों के पद खाली पड़े हैं. गढ़वा जिले में बड़े पैमाने पर अनुसेवक (आदेशपाल/चपरासी) के पद खाली पड़े हुए हैं. गढ़वा को जिला बने 31 साल हो गये हैं, लेकिन इन सालों के दौरान एक बार भी यहां किसी भी विभाग ने अनुसेवक (ग्रुप डी) की बहाली नहीं ली है.

हालांकि, अनुबंध के तौर पर अन्य कर्मी जिसमें कंप्यूटर ऑपरेटर, सहायक, जूनियर इंजीनियर, रोजगार सेवक आदि की बहाली अनुबंध पर हुई है. कुछ कर्मी आउटसोर्सिंग से भी बहाल होकर काम कर रहे हैं, लेकिन अनुसेवक के पद पर अनुबंध या आउटसोर्सिंग से भी बहाली नहीं ली गयी है. जिला बनने के बाद लंबे अंतराल के दौरान जितने भी सरकारी अनुसेवक पूर्व से बहाल थे, वे सभी धीरे-धीरे सेवानिवृत्त हो गये हैं.

अभी जो अनुसेवक (महिला एवं पुरुष) कुछ विभागों में काम कर रहे हैं, वे अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किये गये हैं. इसके अलावा राज्य सरकार के आदेश पर एक बार 5 साल पूर्व आदिम जनजाति के मैट्रिक उतीर्ण युवकों की सीधी नियुक्ति (बिना प्रतियोगिता परीक्षा आदि) की गयी है. इस प्रक्रिया से 5 युवक बहाल किये गये थे. इसी प्रक्रिया से बहाल अनुसेवक डीसी सहित अन्य वरीय पदाधिकारी के कार्यालय में सेवा दे रहे हैं. इसके अलावा नक्सली हिंसा के शिकार परिवार की कुछ महिलाएं भी अनुसेवक के पद पर बहाल हैं, लेकिन इन सबों की संख्या यहां के सरकारी विभाग की संख्या के हिसाब से बेहद कम है.

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सरकारी विभागों में 250 अनुसेवक की जरूरत

गढ़वा जिले में सिर्फ समाहरणालय संवर्ग के विभागों में 176 अनुसेवकों की जरूरत है, लेकिन इसमें से मात्र 78 अनुसेवक (अनुकंपा, नक्सली हिंसा आदि से बहाल) ही सेवा में हैं, जबकि 98 अनुसेवक के पद रिक्त पड़े हुए हैं. इसके अलावा तीनों अनुमंडल, 20 प्रखंड, 19 अंचल के अलावा समाहरणालय संवर्ग (Collectorate cadre) बाहर के सरकारी कार्यालय जिसमें कृषि विभाग, भूमि संरक्षण, विद्युत विभाग, सिंचाई विभाग, मत्स्य, गव्य, पशुपालन, मापतौल विभाग, निबंधन कार्यालय आदि में भी बड़ी संख्या में अनुसेवकों की जरूरत है़ इन सभी को मिलाकर कम से कम 250 अनुसेवक कार्यरत होने चाहिए.

क्या-क्या काम हो रहा प्रभावित

अनुसेवक के नहीं रहने का सबसे ज्यादा असर फाइलों के मूवमेंट पर पड़ रहा है. फाइल समय से एक विभाग से दूसरे विभाग तक नहीं पहुंच पाते हैं. जरूरत के समय सहायक या अन्य कर्मियों को ही फाइल लेकर एक विभाग से दूसरे विभाग में जाना पड़ता है. इसके अलावा फाइलों को सहेजकर रखने, साफ-सफाई आदि से संबंधित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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