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Jharkhand News: 2018 से बंद है हजारीबाग में साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम, 400 से अधिक मॉटिवेटर हुए बेरोजगार

हजारीबाग जिले में पिछले 4 साल से साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम बंद है. इस कार्यक्रम के बंद होने से सैकड़ों की संख्या में मॉटिवेटर्स बेरोजगार हो गये हैं. वर्ष 2018 से इन्हें मानदेय भी नहीं मिला है. मानेदय नहीं मिलने से इन मॉटिवेटर्स की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2021 3:28 PM

Jharkhand News (आरिफ, हजारीबाग) : झारखंड के हजारीबाग जिले में 4 साल से साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम (Saakshar Bharat Mission Program) बंद होने से 16 प्रखंड के करीब 200 पंचायत में 400 से अधिक कार्यरत प्रेरक-उत्प्रेरक (मॉटिवेटर) महिला- पुरुष बेरोजगार हो गये हैं. यहां साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम वर्ष 2001 में शुरू हुआ था, लेकिन मार्च 2018 से साक्षर कार्यक्रम बंद है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एक पंचायत में एक-एक प्रेरक-उत्प्रेरक महिला- पुरुष का चयन हुआ था. सभी प्रेरक एवं उत्प्रेरक को मानदेय के रूप में प्रतिमाह दो-दो हजार मिलता था.

अशिक्षित को साक्षर बनाया

प्रेरक-उत्प्रेरक अपने पंचायत स्तर के गांवों में अभियान चलाकर अशिक्षित (अनपढ़) को साक्षर बनाया है. कई अशिक्षित साक्षर बने हैं. कई महिलाओं को अपना नाम लिखने से लेकर बैंकों में हस्ताक्षर करने योग बनाया है. वैसे कई नौजवान, अधेड़ एवं बुजुर्ग जिन्होंने अपने जीवन में स्कूल का मुंह नहीं देखा, को भी साक्षर बनाया गया है. कई पंचायतों को पूर्ण साक्षर घोषित कर साक्षरता विभाग ने प्रेरक एवं उत्प्रेरक को प्रशस्ति पत्र देकर उत्साहित किया है.

4 साल से नहीं मिला मानदेय

जिला कार्यक्रम प्रबंधक के रूप में अखिलेश नारायण दास एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक के रूप में निसार खान वारसी कार्यरत हैं. इसके अलावा 11 प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक हैं. कुछ कर्मियों ने बताया है कि इन्हें वर्ष 2018 से मानदेय नहीं मिला है. प्रतिमाह न्यूज पेपर एवं अन्य जरूरत के सामान की खरीदारी के लिए मिसलेनियस के रूप में हरेक पंचायतों को मिलने वाली 1,250 रुपये भी लंबे समय से नहीं मिला है. कुछ मॉटिवेटर्स का मानना है कि मिसलेनियस पैसे की बंदरबांट हुई है. यह जांच के बाद ही खुलासा होगा. एक कमरे का साक्षरता कार्यालय शहर के कर्जन ग्राउंड स्टेडियम परिसर में चल रहा है.

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पढ़ना-लिखना कार्यक्रम अभियान का नहीं निकला रिजल्ट

साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम बंद होने के बाद वर्ष 2018 से कुछ जगहों पर पढ़ना-लिखना कार्यक्रम अभियान शुरू तो किया गया, लेकिन इसकी धीमी रफ्तार से कई साक्षर कर्मी संतुष्ट नहीं हैं. पढ़ना- लिखना सीखो जून-जुलाई 2021 में लगभग 200 नवसाक्षरों ने लिखित परीक्षा दिया है. परीक्षा का रिजल्ट अब तक नहीं निकला है.

महिला से आगे पुरुष साक्षरता दर

2011 जनगणना अनुसार, हजारीबाग की जनसंख्या 17,34,005 है. इसमें पुरुष 8,91,179 एवं महिला की जनसंख्या 8,42,826 है. बात साक्षरता दर की करें, तो वर्तमान में हजारीबाग में पुरुष साक्षरता दर 81.15 प्रतिशत एवं महिला साक्षरता 59.25 प्रतिशत आंका गया है. हजारीबाग की जनसंख्या झारखंड की जनसंख्या का 5.26 प्रतिशत है.

विष्णुगढ़ व बरकट्ठा में महिला साक्षरता दर कम

हजारीबाग के सभी नगर पालिका क्षेत्र सहित सभी 16 प्रखंड दारू, टाटीझरिया, सदर, केरेडारी, बरकट्ठा, चलकुसा, बड़कागांव, डाडी, चुरचू कटकमदाग, विष्णुगढ़, पदमा, इचाक, चौपारण, कटकमसांडी एवं बरही में साक्षर कार्यक्रम चला है. इनमें विष्णुगढ़ एवं बरकट्ठा में महिला साक्षरता दूसरे सभी प्रखंड से कम रिकॉर्ड किया गया है.

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सरकार को इस समस्या से अवगत कराया गया है : जिला कार्यक्रम प्रबंधक

इस संबंध में हजाीबाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अखिलेश नारायण दास ने कहा कि भारत साक्षर मिशन कार्यक्रम बंद होने से बड़ी संख्या में प्रेरक-उत्प्रेरक नौजवान महिला व पुरुष बेरोजगार हुए हैं. वहीं, कई साक्षर कर्मियों का मानदेय लंबित है. सरकार को समस्या से अवगत कराया गया है.

10 महीने से DEO व 5 महीने से DSE का पद खाली

हजारीबाग में शिक्षा अधिकारियों की कमी है. 10 महीने से DEo और 5 महीने से DSE का पद खाली है. 6 प्रखंड में स्थायी रूप से प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO) नहीं है. चार प्रखंड दारू, टाटीझरिया, चलकुसा एवं डाडी बने कई वर्ष गुजर गये, इन प्रखंडों में अब-तक BEEO का पद सृजित नहीं हुआ है. एक वर्ष से नगरपालिका क्षेत्र में अवर विद्यालय निरीक्षक नहीं है. सदर, बरही एवं बड़कागांव तीन प्रखंड में क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी का पद है. बडकागांव में क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी का पद कई वर्षों से खाली है. केरेडारी BEEO चंद्रशेखर भारती को बड़कागांव क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी का प्रभारी बनाया गया है. क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक (RDDE) को चार प्रभार DEO, DSE, जिला अतिरिक्त कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) एवं सरकारी बीएड कॉलेज का प्रभारी प्रिंसिपल बनाया गया है. तीन महीने बाद RDDE भी रिटायर होने वाले हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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