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हजारीबाग के बहोरनपुर खुदाई स्थल से भगवान बुद्ध व मां तारा की मिली प्रतिमा, जानें चतरा का इटखोरी कनेक्शन

Jharkhand News, Hazaribagh News : हजारीबाग के बहोरनपुर खुदाई स्थल से भगवान बुद्ध की अधिकतर प्रतिमाएं भूमि स्पर्श मुद्रा में मिली है. भगवान बुद्ध की प्रतिमा का दाहिना हाथ भूमि स्पर्श और बाया हाथ आसन के ऊपर है. भगवान बुद्ध कमल के आसन पर बैठे हुए हैं. भगवान बुद्ध की प्रतिमा के बगल में छोटे- छोटे कई बौद्ध प्रतिमाएं भी हैं. यह प्रतिमाएं महा निर्माण मुद्रा, ध्यान मुद्रा, धर्म चक्र मुद्रा, और प्रवर्तन मुद्रा में है. सभी प्रतिमाएं विशेष देव कोस्ट में है. इसके अलावा कई अन्य प्रतिमाएं भी मिली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2021 8:13 PM

Jharkhand News, Hazaribagh News, हजारीबाग (जयनारायण देवनारायण) : झारखंड के हजारीबाग जिला अंतर्गत बहोरनपुर खुदाई स्थल से पुरातत्व विभाग को 6 भव्य सुंदर मूर्तियां सोमवार को मिली है. इसमें भगवान बुद्ध और मां तारा की कई प्रतिमाएं शामिल है. मूर्ति मिलने से पुरातत्व विभाग व इस क्षेत्र के ग्रामीण काफी खुश हैं. सभी मूर्तियां सफेद पत्थर पर उकेरी हुई हैं. पत्थर की मूर्ति ईंट की बनी देव कोष्ठ से लगी हुई है. मूर्ति की ऊंचाई ढाई से 3 फीट के बीच है. बहोरनपुर में खुदाई का काम एक फरवरी, 2021 से शुरू हुआ है. पूर्व में भी खुदाई का काम चला था. बाद में कई माह तक काम बंद रहे थे.

हजारीबाग के बहोरनपुर खुदाई स्थल से भगवान बुद्ध की अधिकतर प्रतिमाएं भूमि स्पर्श मुद्रा में मिली है. भगवान बुद्ध की प्रतिमा का दाहिना हाथ भूमि स्पर्श और बाया हाथ आसन के ऊपर है. भगवान बुद्ध कमल के आसन पर बैठे हुए हैं. भगवान बुद्ध की प्रतिमा के बगल में छोटे- छोटे कई बौद्ध प्रतिमाएं भी हैं. यह प्रतिमाएं महा निर्माण मुद्रा, ध्यान मुद्रा, धर्म चक्र मुद्रा, और प्रवर्तन मुद्रा में है. सभी प्रतिमाएं विशेष देव कोस्ट में है. इसके अलावा कई अन्य प्रतिमाएं भी मिली है.

वरद मुद्रा में मां तारा की प्रतिमा

खुदाई स्थल से मिले मां तारा की प्रतिमा इटखोरी के भद्रकाली मंदिर की प्रतिमा से मिलती- जुलती है. मां तारा की प्रतिमा वरद मुद्रा व स्नातक मुद्रा में है. इस प्रतिमा का कुछ हिस्सा विखंडित है. यह प्रतिमा भगवान बुद्ध के देव कोस्ट के बायीं ओर है. सभी मूर्तियां काफी आकर्षक व सुंदर हैं. पुरातत्व विभाग के डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मूर्तियां आज से 1100 वर्ष पहले की है. इनकी संरचना से लगता है कि पाल वंश के समकालीन की है.

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पर्यटकों

बहोरनपुर खुदाई स्थल से जैसे ही सूचना मिली कि खुदाई स्थल से भगवान बुद्ध के आकर्षक प्रतिमाएं मिल रही है. देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. रांची यूनिवर्सिटी के 35 शोध करने वाले छात्र खुदाई स्थल को देखने के लिए पहुंचे. इस शैक्षणिक भ्रमण में छात्रों के अलावा इतिहास विभाग के प्रोफेसर व गाइड भी शामिल थे. छात्र बड़ी उत्सुकता से खुदाई स्थल को देखा. इससे संबंधित जानकारियां इकट्ठा की.

बहोरनपुर पुरातत्व संरक्षण समिति की बैठक बहोरनपुर खुदाई स्थल पर हुई. बैठक में इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करने पर विचार-विमर्श किया गया. समिति के सदस्यों ने निर्णय लिया कि समिति का प्रतिनिधिमंडल डीसी से मिलकर इस संबंध में ज्ञापन सौंपेगा. साथ ही हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा और सदर विधायक मनीष जायसवाल से भी मिलकर अपनी बात रखेंगे. पुरातत्व और अवशेष स्थल में विधायक प्रतिनिधि विजय कुमार एवं पुरातत्व स्थल के सदस्यों के अलावे गुरहेत्त पंचायत महेश तिग्गा एवं सखियां पंचायत के अरुण यादव मुखिया द्वारा अवलोकन किया गया.

पाल वंश काल के कई तरह की कलाकृतियां देखने को मिली

आज के दिन 5 बौद्ध स्तूप की मूर्ति मिला. जिससे आसपास के कई ग्रामीणों में उत्साह का माहौल देखने को मिला. इस संबंध में पंचायत मुखिया महेश तिग्गा को बताया गया कि इस तरह कलाकृतियों से हम सबों में काफी उत्साहित है. देश- विदेश से भी लोग इस स्थल की आकृतियों को देखने के लिए आ रहे हैं. जिससे पता चलता है कि यह क्षेत्र निश्चित रूप में एक दार्शनिक क्षेत्र बनने वाला है. सखियां पंचायत के प्रधान अरुण यादव ने बताया कि पुरातत्व अवशेष स्थल के मिलने से क्षेत्र का विकास तथा शीघ्र होने वाला है. इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा. जिससे गरीबी दूर होगी. आज के इस अवशेष स्थल में अबोध राम, नेमीचंद यादव, नासिर अंसारी, रंजीत यादव, कपिल महतो, अशोक यादव, अजीत कुमार, रवि कुमार, रमेश क्रिकेटर, मनोज तिर्की, राकेश, धवल, महेश, दीघा, दीपलाल, क्रिकेटर शंभु केरकेट्टा, नरेश फिगर एवं ग्रामीण लोग उपस्थित थे.

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Posted By : Samir Ranjan.

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