Jharkhand News (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : पूरे देश में किसानों की समस्याओं को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच गढ़वा जिले में किसानों को नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करनेवाले प्रशासनिक पदाधिकारी एवं बैंककर्मी ऋण देने के मामले में उदासीन रवैया अपनाये हुए हैं. खरीफ के मौसम में आवेदन देनेवाले किसानों को रबी फसलों का समय शुरू हो जाने पर भी ऋण नहीं मिल पाया है. किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलनेवाले ऋण को लेकर पिछले करीब 6 महीने से जिले में अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन किसानों को ऋण के बदले सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.
विभागीय आंकड़ों पर गौर करें, तो 6 महीने के अंदर KCC के लिए 28 हजार से ज्यादा किसानों ने आवेदन जमा किये, लेकिन मिला सिर्फ 1900 किसानों को. इस हिसाब से जिले में 10 प्रतिशत किसानों को भी ऋण नहीं दिया गया है. ऋण लेने के लिए किसान प्रखंड, अंचल, बैंक व कृषि विभाग के कार्यालय का हर दिन चक्कर लगा रहे हैं.
किसानों को ऋण नहीं देने की वजह से बैंकों का साख-जमा (सीडी रेसियो) अनुपात भी प्रभावित हो रहा है. हाल ही में संपन्न हुई जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (DLCC) की बैठक में डीसी की ओर से सभी बैंकों को यह निर्देश दिया गया था कि वे सीडी रेसियो को हर हाल में 40 प्रतिशत तक ले जायें, लेकिन इन सबके बावजूद बैंक की ओर से KCC उपलब्ध कराने के मामले में रुचि नहीं दिखायी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि गढ़वा जिले में विभिन्न बैंकों की 63 शाखाएं हैं. इसमें सबसे ज्यादा झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की 26 शाखाएं हैं जबकि भारतीय स्टेट बैंक की 15 एवं सेंट्रल बैंक व पीएनबी की 5-5 शाखाएं गढ़वा जिले में हैं.
20 अक्टूबर को प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें, तो प्रखंड व कृषि विभाग आदि के माध्यम से विभिन्न बैंकों की सभी 63 शाखाओं में 25,608 आवेदन भेजे गये थे. इसमें से मात्र 1882 किसानों को ही ऋण उपलब्ध कराया गया है. इन सभी किसानों को कुल 1243.4 लाख रुपये का ऋण दिया गया है. गढ़वा जिले में कई ऐसे बैंक भी हैं, जिन्होंने एक भी KCC नहीं किया है़ वहीं, HDFC को 7 और ICICI बैंक को मात्र दो आवेदन भेजे गये, लेकिन इन बैंकों ने एक भी KCC नहीं किया़
IDBI के पास 72 आवेदन भेजे गये, लेकिन इस बैंक ने मात्र एक किसान को ही ऋण दिया. एक्सिस बैंक ने भी मात्र 6 किसानों को ऋण दिया है. हालांकि, सबसे अधिक किसानों को ऋण देनेवाले बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक का नाम शामिल है. इस बैंक की 15 शाखाओं की ओर से 1169 किसानों को 665.97 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है.
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इस संबंध में जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक (Lead Bank Manager- LDM) इंदूभूषण लाल ने बताया कि बैंक यदि सभी कार्य छोड़कर सिर्फ ऋण की स्वीकृति में लगे, तो भी दिनभर में 6- 7 से ज्यादा ऋण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि बैंक में स्टाफ की भी काफी कमी है. इस वजह से भी यह काम प्रभावित हो रहा है. पहले ऋण स्वीकृति का काम मैनुअली होता था, लेकिन अब ऑनलाइन में कई सारी परेशानियां व औपचारिकताएं करनी पड़ती है.
इस संबंध में मेराल के चेचरिया गांव निवासी प्रभात कुमार ने बताया कि उन्होंने मई महीने में ही ऋण के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक उनका ऋण स्वीकृत नहीं किया गया.
Posted By : Samir Ranjan.