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Jharkhand News: हजारीबाग की एक महिला का बंध्याकरण फेल, ढाई साल बाद बन गई मां

हजारीबाग की एक महिला का बंध्याकरण काम नहीं आया. ढाई साल बाद एक बार फिर महिला मां बन गई. चतरा के इटखोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इस महिला का ऑपरेशन हुआ था. इस महिला का पहले से ही 3 बच्चे हैं. अब एक और बच्ची के जाने से अब उसके सामने बच्चों के लालन-पालन की समस्या उत्पन्न हो गयी है.

Jharkhand News (इटखोरी, चतरा) : परिवार नियोजन के तहत बंध्याकरण कराने के ढाई साल बाद भी महिला ने बच्चे को जन्म दिया है. छोटा परिवार सुखी परिवार का सपना साकार नहीं हो सका. यह मामला हजारीबाग जिला के पदमा प्रखंड अंतर्गत सरैया गांव की है.

राजकुमार भुइयां की पत्नी रीना देवी का 7 अगस्त, 2019 को इटखोरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण हुआ था. उस समय तत्कालीन सर्जन डॉ एसएन सिंह (वर्तमान समय में चतरा के सिविल सर्जन हैं) ने महिला का ऑपरेशन किया था. उसके बाद भी बीते रात (15 नवंबर को) इटखोरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसने बच्ची को जन्म दिया.

महिला ने बताया कि हमने गर्भवती होने की सूचना क्षेत्र की स्वास्थ्य सहिया को दिया था, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी. महिला को पूर्व से ही तीन बच्चे हैं. महिला ने बताया कि मेरे समक्ष बच्चे के लालन- पालन की समस्या है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चों के लालन-पालन में काफी परेशानी आयेगी.

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क्षेत्र की यह दूसरी घटना

ऑपरेशन के बाद बच्चा होने की यह दूसरी घटना है, इससे पहले तिलरा गांव निवासी राजू पासवान की पत्नी कंचन देवी ने भी बंध्याकरण के बाद बच्चे को जन्म दिया था.

सिविल सर्जन की राय

इस संबंध में वर्तमान सिविल सर्जन डॉ एसएन सिंह (महिला का बंध्याकरण का किया था ऑपरेशन) ने कहा कि गर्भवती होने के बाद महिला को सूचित करना चाहिए था. कुछ मामले ऐसे होते हैं जिसमें अप्राकृतिक गर्भधारण (रिफाइनेलाइज) के कारण दोबारा बच्चा होता है. अब उसके पति को एनएसवी कराना चाहिए.

Posted By : Samir Ranjan.

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