झारखंड की इस Jail में अनोखी पहल, खुलेंगे शिक्षा के द्वार, उच्च शिक्षा के साथ Computer में दक्ष होंगे बंदी
एक तरफ जहां बंदियों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग (NIOS) के तहत 12वीं तक की शिक्षा दिलाने की तैयारी है, वहीं उच्च शिक्षा के इच्छुक बंदियों के लिए इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से पढ़ाई करवाने की योजना है. इसको लेकर काम अंतिम चरण में है.
Jharkhand News, कोडरमा न्यूज (विकास) : कोडरमा के मंडल कारा में विभिन्न अपराधों में बंद बंदी शिक्षित होने के साथ-साथ कंप्यूटर में भी दक्ष होंगे. जी हां, इसको लेकर प्रशासनिक तैयारी जोरों पर हैं. बंदियों के लिए पूरी तरह शिक्षा के द्वार खोलने की तैयारी है. कोडरमा के उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि जेल में लर्निंग सेंटर व इग्नू के तहत पढ़ाई कराने की तैयारी है. इस तरह की शुरुआत मैंने पहले हजारीबाग में की थी. वहां यह सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है.
एक तरफ जहां बंदियों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग (NIOS) के तहत 12वीं तक की शिक्षा दिलाने की तैयारी है, वहीं उच्च शिक्षा के इच्छुक बंदियों के लिए इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से पढ़ाई करवाने की योजना है. इसको लेकर काम अंतिम चरण में है. लर्निंग सेंटर खोलने को लेकर एनआईओएस को आवेदन किया जा चुका है. यही नहीं कंप्यूटर शिक्षा में दक्ष बनाने को लेकर अलग से तैयारी है. जिला मुख्यालय में शुरू होने वाले डी-ईजीएस नि:शुल्क कंप्यूटर बेसिक सेंटर से बंदियों को ऑनलाइन कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसको लेकर तैयारी पूरी हो गई है. बहुत जल्द इसका शुभारंभ होगा.
जानकारी के अनुसार विभिन्न अपराधों में जेल में बंद बंदियों को अपराध की दुनिया से मुख्य धारा में लाने व इनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए कोडरमा के उपायुक्त आदित्य रंजन ने पहल की है. डीसी के आदेश पर मंडल कारा में प्रशिक्षण लेने के लिए कंप्यूटर का चार सेट उपलब्ध कराया गया है, जबकि 12वीं तक की शिक्षा लेने के इच्छुक बंदियों के लिए एनआईओएस लर्निंग सेंटर से कोर्स करवाने की तैयारी है. लर्निंग सेंटर में पढ़ने वाले बंदियों की परीक्षा जेल के अंदर ही होगी. उत्तीर्ण होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा.
Also Read: झारखंड में नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, 2 आरोपियों को जेल, 2 नाबालिगों को भेजा Remand Homeलर्निंग सेंटर खोलने को लेकर स्वीकृति मिलने का इंतजार है. वहीं 12वीं के बाद इनकी पढ़ाई न रुके या जिन बंदियों ने पहले से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली है और वे उच्च शिक्षा ग्रहण करान चाहते हैं उनके लिए इग्नू से कोर्स कराने की योजना है. इन दोनों को लेकर चल रहे प्रयास के बीच डीसी की पहल पर डी-ईजीएस से ऑनलाइन कंप्यूटर प्रशिक्षण लेने के लिए 27 बंदियों ने दिलचस्पी दिखाई है.
Also Read: सावन पूर्णिमा पर झारखंड के मां भद्रकाली मंदिर व हरिहर धाम मंदिर में उमड़े श्रद्धालु, रक्षा बंधन का भी उल्लासजानकारी के अनुसार मंडल कारा कोडरमा में वर्तमान में 338 बंदी हैं. इसमें 14 महिलाएं हैं. 338 में से 65 बंदी ऐसे हैं जो आगे पढ़ना चाहते हैं. डीसी के निर्देश पर सभी बंदियों से उनकी राय ली गई है, जिसमें 65 ने आगे की शिक्षा पूर्ण करने की इच्छा जताई है. इसमें से 32 ऐसे हैं जो 12वीं तक की पढ़ाई पूर्ण करना चाहते हैं, जबकि 33 ऐसे हैं जो उच्च शिक्षा के तहत बीए, बीएड आदि का कोर्स करना चाहते हैं. वहीं 27 ने कंप्यूटर प्रशिक्षण में दिलचस्पी दिखाई है. इन दिनों हत्या के आरोप में जेल में बंद मो मेराज की मानें तो कंप्यूटर का प्रशिक्षण लेकर वह आगे बढ़ना चाहता है. मेराज के अनुसार वह दसवीं पास है. 12वीं की पढ़ाई पूरी करना चाहता है. इसके साथ ही अगर कंप्यूटर भी सीख लेगा तो जेल से निकलने के बाद कोई नौकरी कर सकता है.
Also Read: Coal India Recruitment 2021 : Coal India में इन पदों पर होगी अफसरों की बहाली, ऐसे करें आवेदनहत्या के मामले में ही जेल में बंद राहुल सिंह अंग्रेजी में स्नातक है. राहुल कंप्यूटर प्रशिक्षण मिलने की बात से खुश है. वह कहता है कि सपने में भी नहीं सोचा था कि जेल के अंदर कंप्यूटर की शिक्षा मिलेगी. अगर वह दक्ष हो जाएगा तो उसकी जिंदगी कुछ आसान हो जाएगी. बंदियों के ऑनलाइन कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए पूरा सेटअप लगाया गया है, जबकि यहां एक मामले में बंद प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार बाकी समय में कंप्यूटर प्रशिक्षण दे रहे हैं. आशुतोष कंप्यूटर इंजीनियर भी हैं.
उपायुक्त आदित्य रंजनकोडरमा के उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि जेल में लर्निंग सेंटर व इग्नू के तहत पढ़ाई कराने की तैयारी है. इस तरह की शुरुआत मैंने पहले हजारीबाग में की थी. वहां यह सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है. प्रयास यही है कि विभिन्न अपराध में बंद बंदी आगे चलकर गलत काम करने से बचें और खुद को पढ़ाई में व्यस्त रखें. अपने अपराध की सजा काटने पर पढ़ लिखकर अगर वे बाहर निकलते हैं तो उनके पास भी सही जीवन जीने का अवसर हो. सकारात्मक माहौल में बंदियों को पढ़ाने के साथ ही कंप्यूटर प्रशिक्षण देने को लेकर तैयारी की गई है. बहुत जल्द इसका शुभारंभ होगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra