Jharkhand News : झारखंड के धनबाद में कोडरमा की महिला मरीज की मौत पर परिजनों का हंगामा, थाने में लापरवाही की शिकायत
Jharkhand News, Dhanbad News, धनबाद न्यूज : मरीज की मौत पर शनिवार को डॉ एसके दास नर्सिंग होम में हंगामा हुआ. परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के लिए ले जा रहे थे, उस वक्त तक सब कुछ ठीक था. ऐनेस्थेसिया दी गयी. इसके बाद बाहर आकर डॉक्टरों ने कह दिया कि उसकी मौत हो गयी है. इसके बाद हो-हंगामा होने लगा. जानकारी मिलने के बाद सदर थाना पुलिस नर्सिंग होम पहुंची. परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है.
Jharkhand News, Dhanbad News, धनबाद न्यूज : मरीज की मौत पर शनिवार को डॉ एसके दास नर्सिंग होम में हंगामा हुआ. परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के लिए ले जा रहे थे, उस वक्त तक सब कुछ ठीक था. ऐनेस्थेसिया दी गयी. इसके बाद बाहर आकर डॉक्टरों ने कह दिया कि उसकी मौत हो गयी है. इसके बाद हो-हंगामा होने लगा. जानकारी मिलने के बाद सदर थाना पुलिस नर्सिंग होम पहुंची. परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है.
कोडरमा डोमचांच शिवनगर निवासी 46 साल की रेखा सिंह को इलाज के लिए गायनोकॉलोजिस्ट डॉ एसके दास के पास लाया था. महिला की बच्चेदानी में जख्म हो गया था. परिजनों ने बताया कि दो मार्च को उसे दिखाने के लिए लाया गया था. डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की सलाह दी थी. 5 मार्च को ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया गया. शनिवार को दिन के 10.30 बजे ऑपरेशन के लिए ले जाया गया. ऑपरेशन से पहले डॉ बीके सिंह ने ऐनेस्थेसिया देना शुरू किया था. एक इंजेक्शन देने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गयी. कुछ देर के बाद ही उसकी मौत हो गयी.
ऑपरेशन से निकलने के बाद कर्मचारी ने परिजन को बाहर से दवा लाने को भेज दिया. दवा लेकर उसका बेटा विनायक लौटा तो उसे जानकारी मिली कि उसकी मौत की स्थिति खराब हो गयी है. कुछ देर के बाद डॉक्टरों ने उसकी मौत की सूचना दे दी. इसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया. डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि ऐनेस्थेसिया की प्रक्रिया चल रही थी. एक इंजेक्शन दिया गया. इसके बाद मरीज की स्थिति खराब होने लगी. उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन नहीं बच पायी. परिजनों का कहना है कि उनके रिश्तेदार यहां रहते हैं. सलाह लेने पर बताया गया कि अच्छे डॉक्टर हैं. बहुत उम्मीद के साथ आए थे.
सेंट्रल अस्पताल से सेवानिवृत देवनारायण गोस्वामी ने कहा कि इसमें पूरा पूरी डॉक्टर की गलती है. ऐनेस्थेसिया का ओवरडोज के कारण मरीज की मौत हुई है. उनकी सलाह पर ही परिजन यहां इलाज करा रहे थे. अगर थोड़ा भी संदेह था तो डॉक्टर को ऑपरेशन टाल देना चाहिए था. बार-बार डॉक्टर से बात करने पर बताया जा रहा था कि सब कुछ ठीक है. फिर अचानक से मौत कैसे हो गयी.
डॉ एसके सिंह ने कहा कि मरीज को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया था. ऐनेस्थेसिया की प्रक्रिया चल रही थी. इसी बीच कार्डियक अरेस्ट आया. बचाने का पूरा प्रयास किया गया. लापरवाही नहीं बरती गयी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra